प्रोफेसरों ने जातिसूचक शब्दों से किया अपमानित, शोध छात्र ने खाया जहर
दो प्रोफसरों द्वारा जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित करने के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थी ने दी जान देने की कोशिश।
गोरखपुर (जेएनएन)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थी दीपक कुमार ने गुरुवार को कीटनाशक खाकर आत्महत्या की कोशिश की। शोधार्थी ने आत्महत्या के लिए अपने संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सीपी श्रीवास्तव और विभागाध्यक्ष प्रो. द्वारिकानाथ द्वारा लगातार किए जा रहे जातिगत उत्पीड़न को कारण बताया है। फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए कुलपति ने विभागाध्यक्ष को पद से हटा दिया है साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। पीड़ित शोधार्थी की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है।
विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रो. डीएन यादव के निर्देशन में दीपक कुमार बीते 30 अगस्त को ही शोधार्थी के रूप में पंजीकृत हुआ है। छह सितंबर को उसने कुलपति को पत्र लिखकर बताया था कि संकाय अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष लगातार उसे जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित कर रहे हैं। शोध सिनाप्सिस को लेकर भी दोनों ने उसके साथ अमर्यादित व्यवहार किया। शिकायत के बाद भी दीपक को कुलपति स्तर से कोई मदद नहीं मिली।
दीपक ने गुरुवार को एक बार फिर कुलपति को पत्र लिखा और बताया कि 18 सितंबर को विश्वविद्यालय रोड पर टहलते समय कुछ लोग उसके पास आए और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने लगे। उन लोगों ने धमकी दी कि प्रो. सीपी श्रीवास्तव और प्रो. द्वारिका नाथ के खिलाफ जो शिकायत उसने की है, उसे वापस ले ले, अन्यथा ठीक नहीं होगा। दीपक ने पत्र में मदद की गुहार की है। गुरुवार को यह पत्र कुलपति कार्यालय ने आवश्यक कार्यवाही के लिए भेज दिया, इस बीच दोपहर में खबर मिली कि दीपक ने बिलंदपुर स्थित अपने आवास पर जहर खा लिया है। सूचना पर पहुंचे कुछ साथी उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डाक्टरों ने जांच के बाद उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। डाक्टरों के मुताबिक उसने कीटनाशक खाया है। दूसरी ओर कुलपति ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रतिकुलपति प्रो एसके दीक्षित के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। देर शाम नियंता व दूसरे शिक्षकों ने बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचकर वहां भर्ती शोधार्थी का हाल जाना।
शोधार्थी के पास मिला सुसाइड नोट
शोधार्थी के कमरे से सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में छात्र ने लिखा है कि वह आत्महत्या करने जा रहा है। इसके अलावा वहीं बातें हैं जो छात्र ने कुलपति को भेजे पत्र में कहीं हैं। नियंता के मुताबिक सुसाइड नोट छात्र की मदद करने पहुंचे उसके एक दोस्त ने उसके कमरे से पाया।
घटना दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण
गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि छात्र के शिकायती पत्र पर कुलपति द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मागी गई थी। इस बीच विवि में अपरिहार्य कारणों से अवकाश रहा और यह पत्र विवि खुलने पर ही प्राप्त हुए। नियंता द्वारा भी उसकेप्रार्थनापत्र को पुलिस को अग्रसारित कर दिया गया था। संबंधित विभागाध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है। कुलपति ने इस प्रकरण पर तत्काल एक जाच समिति गठित कर दी है।