सीएम योगी आदित्यनाथ से पति का उपचार कराने की लगाई गुहार, किडनी ट्रांसप्लांट में मदद करेगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गरीब कल्याण मेला का शुभारंभ करने भरोहिया ब्लाक गए थे। इसी दौरान एक महिला ने उनसे पति का उपचार कराने की गुहार लगाई। उसके पति की किडनी खराब है। परिवार की िस्थिति िकिडनी ट्रांसप्लांट कराने की नहीं है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भरोहिया में गरीब कल्याण मेला का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के के सामने आयी एक लाभार्थी ने उनसे पति के इलाज में मदद की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने तुरंत वहां मौजूद मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह को महिला की मदद करने का निर्देश दिया। गुहार लगाने वाली महिला सुमन के पति संदीप की किडनी खराब है और ट्रांसप्लांट की जरूरत है। आर्थिक संकट के कारण वे इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने एस्टीमेट बनवाने का काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को दिया प्रमाण पत्र
मंच से मुख्यमंत्री लाभार्थियों को योजना का लाभ पाने का प्रमाण पत्र प्रदान कर रहे थे। इसी बीच मुख्यमंत्री के हाथों अपने पुत्र दिव्यांश के लिए बाल पुष्टाहार लेने पहुंची भरोहिया मांग की महिला सुमन ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पति संदीप की किडनी खराब है और वह उनका इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में भी इस बात का जिक्र किया।
आयुष्मान योजना के तहत महिला के पति का गोल्डेन कार्ड बनाने का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला के पति का आयुष्मान योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाया जाए। इसके लाभार्थियों की सूची में नाम न हो तो मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना में उसे कवर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भी दिक्कत हो तो महिला के पति के इलाज के लिए तत्काल एस्टीमेट बनवाकर मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता के लिए शासन को भेजा जाए।
जरूरतमंद के उपचार में नहीं आने पाएगा संकट
उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से किसी भी परिवार में यदि कोई बीमार होगा तो उसके सामने एक आर्थिक संकट आ जाता है। हर व्यक्ति सुविधा संपन्न नहीं होता। किसी भी जरूरतमंद के उपचार में कोई संकट नहीं आना चाहिए। प्रदेश एवं केंद्र सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन हरकत में आ चुका है। मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बताया कि महिला के पति की किडनी फेल है। उनके इलाज के लिए एस्टीमेट बनवाया जा रहा है।