BRD Medical College ने खिलाडि़यों को दी बड़ी राहत, इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा लखनऊ
बीआरडी मेडिकल कालेज में आर्थोस्कोपी शुरू हो गई है। स्पोट्र्स इंजरी की एक अलग यूनिट भी बना दी गई है जिसकी जिम्मेदारी आर्थोपेडिक सर्जन डा. अमित कुमार मिश्रा को सौंपी गई है। अब घुटने व कंधे के लिगामेंट खराब होने की समस्या से जूझ रहे खिलाडिय़ों को बड़ी राहत मिलेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। खिलाडिय़ों के लिए खुशखबरी है। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में आर्थोस्कोपी शुरू हो गई है। स्पोट्र्स इंजरी की एक अलग यूनिट भी बना दी गई है, जिसकी जिम्मेदारी आर्थोपेडिक सर्जन डा. अमित कुमार मिश्रा को सौंपी गई है। अब घुटने व कंधे के लिगामेंट खराब होने की समस्या से जूझ रहे खिलाडिय़ों को बड़ी राहत मिलेगी, वे दोबारा खेलने की स्थिति में आ जाएंगे। सामान्य जन का भी वहां इलाज होगा, लेकिन यह समस्या ज्यादातर खिलाडिय़ों के कंधों व घुटनों में होती है।
ऐसे लोगों को मिलेगा फायदा
बीआरडी में आर्थोपेडिक की जनरल सर्जरी के अलावा अब तीन अलग-अलग यूनिट बन गई हैं। जोड़ प्रत्यारोपण तथा शिशु व नवजातों के हड्डी रोग के लिए अलग-अलग यूनिट पहले से चल रही है। इसके इंचार्ज क्रमश: डा. पवन प्रधान व डा. अशोक हैं। हर स्प्ताह दो-तीन मरीजों के घुटने व कूल्हे का प्रत्यारोपण व दो-तीन शिशुओं या नवजातों के दिव्यांगता का निवारण हो रहा है। स्पोट्र्स इंजरी के लिए तीसरी यूनिट बनाई गई है। इसमें अब तक 15 खिलाडिय़ों के घुटने व कंधे के लिगामेंट की मरम्मत आथोस्कोपी से हुई है। कुछ सामान्य मरीजों में भी यह समस्या आ जाती है। जैसे कोई मोटरसाइकिल से गिर गया। एक्सरे में फ्रैक्चर नहीं आया, फिर भी दर्द है तो एमआरआइ कराने पर पता चलता है कि लिगामेंट खराब हो गया है। उसकी मरम्मत आर्थोस्कोपी से होती है।
क्या है लिगामेंट
लिगामेंट दो हड्डियों को जोड़ता है। यह एक मांसपेसी होती है जो न तो कठोर होती है और न ही तरल। सेमी सालिड जैसी होती है। खेलने या गिरने के दौरान इसमें दिक्कत आ जाती तो जोड़ों में दर्द बना रहता है।
मरीजों को जाना पड़ता था लखनऊ
आर्थोस्कोपी की सुविधा पहले बीआरडी में नहीं थी। मरीजों को लखनऊ या दिल्ली जाकर इलाज कराना पड़ता था। बहुत से खिलाड़ी जो बाहर जाकर इलाज करा पाने में असमर्थ थे, उनका खेल हमेशा के लिए छूट जाता था। इस सुविधा के शुरू हो जाने से अब यहां के खिलाडिय़ों के लिगामेंट की आसानी से मरम्मत हो सकेगी।
घुटने व कूल्हे का प्रत्यारोपण पहले से चल रहा है। अब स्पोर्स्टस इंजरी यूनिट शुरू कर दी गई है। इससे खिलाडिय़ों के लिगामेंट की मरम्मत यहां हो रही है। साथ ही ब'चों के दिव्यांगता निवारण का भी काम चल रहा है। इसकी अलग यूनिट बनाई गई है। - डा. पवन प्रधान, अध्यक्ष, आर्थोपेडिक विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज।
स्पोट्र्स इंजरी यूनिट खुल जाने से खिलाडिय़ों को बड़ी राहत मिली है। अब तक 15 खिलाडिय़ों के लिगामेंट की आर्थोस्कोपी से मरम्मत हो चुकी है। वे पुन: खेलने की स्थिति में आ गए हैं। अब किसी खिलाड़ी को लखनऊ या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। - डा. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कालेज।