गोरखपुर मे एमआरपी से कम मूल्य पर मिल रही है कोरोना संक्रमण में कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन
सन फार्मास्यूटिकल की रेमविन नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन की एमआरपी 3950 रुपये है। लेकिन गोरखपुर में प्रशासन के साथ मिलकर एसोसिएशन ने भालोटिया मार्केट स्थित एएल फार्मा से तीन हजार में मरीजों के स्वजन को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराई।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीजों को कम दाम पर रेमडेसिविर देकर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने बड़ी पहल की है। प्रशासन के साथ मिलकर एसोसिएशन ने भालोटिया मार्केट स्थित एएल फार्मा से तीन हजार में मरीजों के स्वजन को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराई। सन फार्मास्यूटिकल की रेमविन नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन की एमआरपी 3950 रुपये है। एसोसिएशन ने डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन को सौ वायल इंजेक्शन भी दिया। एसोसिएशन का कहना है कि सोमवार को और इंजेक्शन मिल जाएगी। इसके बाद रेमडेसिविर का संकट पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बड़ी पहल, डीएम को दी सौ वायल इंजेक्शन
शनिवार को एएल फार्मा पर तीन सौ वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंची। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय, महामंत्री दिलीप सिंह और संगठन मंत्री व एएल फार्मा के प्रोपराइटर व छोटेलाल गुप्ता ने ड्रग इंस्पेक्टर को इसकी जानकारी दी। ड्रग इंस्पेक्टर के साथ उन्होंने पहले एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव से मुलाकात की। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह के साथ डीएम से मुलाकात की।
डीएम ने दवा व्यापारियों का आह्वान किया कि वह मरीजों को तकरीबन खरीद दर पर इंजेक्शन उपलब्ध कराएं। कहा कि किसी भी हाल में इंजेक्शन की कालाबाजारी न होने पाए। अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने डीएम को आश्वसस्त किया कि दवा व्यापारी हर कदम पर प्रशासन और जनता के साथ खड़े रहेंगे। महामंत्री दिलीप सिंह ने कहा कि उपलब्धता बढ़ने के साथ ही एसोसिएशन और कम दर पर इंजेक्शन देगा। इस दौरान दवा व्यापारी नागेंद्र त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
ऐसे होता है इसका प्रयोग
अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितों को पहली बार में दो वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके बाद रोजाना एक वायल इंजेक्शन लगाया जाता है। मरीज की आवश्यकता के अनुसार यह इंजेक्शन दिया जाता है। छोटेलाल गुप्ता ने बताया कि प्रशासन के निर्देश पर पहली डोज वाले मरीजों के स्वजन को दो और दूसरी डोज वालों को एक वायल इंजेक्शन दिया गया।
बीआरडी मेंं 335 मरीज, 280 गंभीर
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में भर्ती 335 मरीजों में से 280 गंभीर हैं। इन सभी को आक्सीजन देनी पड़ रही है। 54 बेड का वेंटिलेटर वार्ड भर जाने के कारण मरीजों को बाइपेप विधि से तेजी से आक्सीजन दी जा रही है। पिछले साल के मुकाबले मरीजों के गंभीर होने से डाक्टर भी हैरान हैं। मेडिकल कालेज में पांच सौ बेड का कोविड अस्पताल संचालित हो रहा है। इनमें तकरीबन दो सौ आइसीयू हैं। मरीजों की स्थित को देखते हुए सभी आइसीयू बेड भर चुके हैं। डाक्टरों का कहना है कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने का खामियाजा गंभीर हालत में आकर लोग भुगत रहे हैं।
बुखार आए तो खुद को कर लें आइसोलेट
मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. गणेश कुमार ने कहा कि लापरवाही के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और जल्द ही लोग गंभीर संक्रमण के शिकार बन जा रहे हैं। यदि कोरोना से बचना है तो मास्क और शारीरिक दूरी बनाने के नियमों को हर हाल में मानना ही होगा। जिनके घर में बुजुर्ग व बच्चे हैं, उन्हें खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। घर वापस जाएं तो खुद को आइसोलेट ही रखें तो बेहतर है। बुखार आते ही खुद को आइसोलेट कर इलाज शुरू कर दें। भले ही कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ रही हो।