कायाकल्प योजना ने बदल दी विद्यालय की तस्वीर, अंग्रेजी माध्यम से होती है पढ़ाई

पीएम मोदी के सपनों को पंख लगा रहे इस विद्यालय का स्वच्छ व सुंदर परिसर स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के मिशन को साकार कर रहा है। वहीं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के लक्ष्य को सार्थक करते हुए विद्यालय में नामांकित कुल 171 बच्चों में 90 लड़कियां हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 04:40 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 04:40 AM (IST)
कायाकल्प योजना ने बदल दी विद्यालय की तस्वीर, अंग्रेजी माध्यम से होती है पढ़ाई
कायाकल्प योजना ने बदल दी विद्यालय की तस्वीर, अंग्रेजी माध्यम से होती है पढ़ाई

देवरिया: सरकारी परिषदीद विद्यालयों का का नाम सुनते ही जेहन में एक अस्त-व्यस्त व अव्यवस्थित विद्यालय की तस्वीर उभर कर सामने आती है। लेकिन एक परिषदीय विद्यालय ऐसा है, जिसको देखकर आपकी सोच बदल जाएगी और आप आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकेंगे। यह विद्यालय है, माडल प्राइमरी इंगलिश मीडियम स्कूल बेलवा बाबू। जो इस समय कान्वेंट स्कूलों को भी मात दे रहा है।

विकास खंड भटनी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेलवा बाबू की स्थापना वर्ष 1960-61 में हुआ। तीन वर्ष पहले प्रारंभ हुए आपरेशन कायाकल्प योजना ने इसकी तस्वीर ही बदल दी है।

पीएम मोदी के सपनों को पंख लगा रहे इस विद्यालय का स्वच्छ व सुंदर परिसर स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत के मिशन को साकार कर रहा है। वहीं बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के लक्ष्य को सार्थक करते हुए विद्यालय में नामांकित कुल 171 बच्चों में 90 लड़कियां (बेटियां) हैं। जबकि लड़कों की संख्या 81 ही है। इन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रधानाध्यापक सहित यहां चार शिक्षक व दो शिक्षा मित्रों की तैनाती है। आयुष श्रीवास्तव, आकाश गोंड़, विशाल रजक, प्रिती चौहान, सलोनी भारती, अंकेशा भारती, बालकुमारी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त कर विद्यालय का सम्मान बढ़ाया है।

शिक्षण का माध्यम अंग्रेजी है। वाद्य यंत्र के स्वरध्वनि के बीच प्रार्थना होती है। बच्चे पहचान-पत्र, ड्रेस, टाई व बेल्ट के साथ कान्वेंट स्कूल के बच्चों को भी पीछे छोड़ दिए हैं। टेबल-बेंच, बिजली व पंखे की पूर्ण व्यवस्था मौजूद है। प्रत्येक माह टेस्ट लेकर बच्चों के बौद्धिक स्तर का विकास किया जाता है। अब तो यहां के बच्चे अंग्रेजी में बात करना भी शुरू कर दिए हैं। माह में एक दिन अभिभावक संघ की बैठक कर उनकी समस्या व सुझाव सुनकर विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा उसके निस्तारण एवं निवारण के उपाय ढूढे जाते हैं। पाथ-वे, इंटरलाकिग व फूल पौधों से युक्त गमलों की श्रेणीबद्ध श्रृंखला परिसर को सुंदर व आकर्षक बना रहे हैं। विद्यालय में पर्याप्त कमरे हैं। प्रकाश व बच्चों को शुद्ध पेयजल इंतजाम के लिए विद्यालय भवन के छत पर सोलर प्लांट लगा है जिससे रात में भी परिसर प्रकाशित रहता है। परिसर में 100 लीटर का आरओ लगाया गया है। पांच बार सम्मानित हो चुके हैं प्रधानाध्यापक

विद्यालय के प्रधानाध्यापक अवधेश रावत को उनके बेहतर कार्य के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अब तक पांच बार उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

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