अब राज्य सरकार के हाथ में होगी सीबीएसई विद्यालयों की मान्यता
सीबीएसई के विद्यालयों की मान्यता के नियम अब बदल गए हैं। अब राज्य सरकार भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सीबीएई अब केवल इन विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर को ही देखेगी।
गोरखपुर, (उमेश पाठक)। सीबीएसई की मान्यता लेते समय अब फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। विद्यालयों की मान्यता को लेकर सीबीएसई ने नए नियम जारी किए हैं, जिसके अनुसार मान्यता अब राज्य सरकार के हाथों में होगी। सीबीएसई की टीम केवल पढ़ाई-लिखाई के स्तर को ही जांचेगी। विद्यालय की आधारभूत संरचना से जुड़े सभी मानकों की जांच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी, इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक भी शामिल होंगे।
क्या है पुरानी व्यवस्था
यदि किसी ने कक्षा आठ तक की मान्यता राज्य सरकार से प्राप्त की हो तो सीबीएसई की मान्यता के लिए आवेदन कर सकता था और उसे राज्य सरकार से केवल एनओसी ही प्राप्त करना होता था। एनओसी मिलने के बाद सीबीएसई की टीम आती थी और मानकों की जांच करने के बाद मान्यता प्रदान करती थी।
मान्यता के नियमों में यह हुआ बदलाव
सीबीएसई ने मान्यता के नए नियम जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि सभी विद्यालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम के दायरे में आएंगे। इसके लिए कक्षा आठ तक की मान्यता अब राज्य सरकार से प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। भले ही कोई इंटर तक की मान्यता के लिए आवेदन कर रहा हो, उसे भी कक्षा आठ तक की मान्यता राज्य सरकार से प्राप्त करनी होगी। मान्यता के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा, जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक सभी तकनीकी पक्षों (जमीन व अन्य मानक) की जांच करेंगे। जांच के बाद कमेटी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यही प्रमाण पत्र सीबीएसई में प्रस्तुत करना होगा, उसके बाद वहां से एक टीम अकादमिक स्तर की जांच करेगी और उसके बाद मान्यता प्रदान की जाएगी।
क्यों हुआ बदलाव
सीबीएसई को इस बात की कई शिकायतें मिली थीं कि मान्यता लेने के लिए जमीन के प्रपत्र सहित अन्य मानकों में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। सीबीएसई जमीन के प्रपत्रों आदि की जांच नहीं कर पाती थी। जिले में राजस्व का सबसे बड़ा अधिकारी होने के कारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी को जांच दी गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक जिला स्तर पर शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, इसलिए तकनीकी पक्षों की जांच का जिम्मा राज्य सरकार को दे दिया गया। अब फर्जीवाड़े पर लगाम लग सकेगी।
नवीनीकरण पर भी प्राप्त करना होगा प्रमाण पत्र
राज्य सरकार के अधिकारियों को मिला यह अधिकार केवल नई मान्यता के लिए ही नहीं हैं। तीन साल बाद यदि मान्यता का नवीनीकरण कराना है, तब भी जिला स्तरीय कमेटी से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। कक्षा 10 से कक्षा 12 तक विस्तार करते समय भी इस प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि सीबीएसई ने मान्यता को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। जिला स्तर पर अधिकारी अब मानकों की जांच भी करेंगे। अभी तक सीबीएसई की मान्यता के मामले में राज्य सरकार से केवल एनओसी ली जाती थी।