पाठकों को जल्द मिलेगा कल्याण का गणेश पुराण वार्षिकांक

15 फरवरी तक पौने दो लाख पाठकों तक वार्षिकांक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ गीता प्रेस में पैकिंग कार्य हो रहा है। पहले दिन आजीवन पाठकों पंचवर्षीय पाठको या जिन्होंने पहले ही प्रेस में कीमत जमा कर दी है उन्हें वार्षिकांक को भेजा गया।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 05:10 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 09:21 AM (IST)
पाठकों को जल्द मिलेगा कल्याण का गणेश पुराण वार्षिकांक
गणेश पुराण का वार्षिक अंक की फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। गीता प्रेस से निकलने वाली कल्याण पत्रिका का वार्षिकांक जल्द पाठकों के हाथ में होगा। गणेश पुराण पर आधारित वार्षिकांक को प्रेस की ओर से पाठकों को भेजे जाने का सिलसिला सोमवार से शुरू हो गया है। पहले दिन आठ हजार प्रतियां डाक विभाग द्वारा पाठकों को भेजी गईं।

15 फरवरी तक पौने दो लाख पाठकों तक वार्षिकांक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ गीता प्रेस में पैकिंग कार्य हो रहा है। पहले दिन आजीवन पाठकों, पंचवर्षीय पाठको या जिन्होंने पहले ही प्रेस में कीमत जमा कर दी है, उन्हें वार्षिकांक को भेजा गया। प्रेस प्रबंधन के मुताबिक पहले दिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पाठकों के लिए वार्षिकांक को प्रेषित किया गया।

652 पेज का है वार्षिकांक

गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि बीते वर्ष का कल्याण 508 पेज का था लेकिन इस बार पृष्ठों की संख्या उससे करीब डेढ़ सौ बढ़ गई है। गणेश पुराण वार्षिकांक 652 पेज का है। बावजूद इसके लिए इसकी कीमत नहीं बढ़ाई गई है। पिछली बार की तरह इस बार में भी इसकी कीमत 250 रुपये ही है। गणेश पुराण पर आधारित वार्षिकांक का ग्राहक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इसमें भगवान गणेश से संबंधित सभी सामग्री है। खासकर हिन्‍दुओं के लिए गणेश पुराण पर आधारित वार्षिकांक काफी महत्‍व का भी है। ऐसे में अब ग्राहकों को इसका इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्‍हें अब उपलब्‍ध हो सकेगा।

कल्याण के हैं 42 विदेश ग्राहक

उत्पाद प्रबंधक ने बताया कि कल्याण पत्रिका के 4900 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। इनमें 42 विदेशी सदस्य भी शामिल हैं। आजीवन सदस्यों को यह पत्रिका मुफ्त दी जाती है। अब आजीवन सदस्यता का विकल्प बंद कर दिया है। आज की तारीख में कल्याण के केवल वार्षिक सदस्य ही बनाए जाते हैं।

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