आरबीएसके ने लौटाई शिवांश के आंखों की रोशनी, केजीएमसी में हुआ मोतियाबिंद का आपरेशन Gorakhpur News
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने देवरिया के बैतालपुर ब्लाक के तिवई गांव निवासी ढाई वर्षीय शिवांश के आंख को नई रोशनी दी है। कार्यक्रम के तहत सरकार की ओर से केजीएमसी लखनऊ में हुए निश्शुल्क आपरेशन से शिवांश के आंखों की रोशनी लौट आई है।
गोरखपुर, जेएनएन : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने देवरिया जिले के बैतालपुर ब्लाक के तिवई गांव निवासी ढाई वर्षीय शिवांश के आंख को नई रोशनी दी है। कार्यक्रम के तहत सरकार की ओर से केजीएमसी लखनऊ में हुए निश्शुल्क आपरेशन से शिवांश के आंखों की रोशनी लौट आई है। हरिश्चंद्र का ढाई वर्ष का बेटा शिवांश जन्मजात मोतियाबिंद का शिकार था। आरबीएसके टीम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्र पर हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान उसकी इस बीमारी का पता चला। डा. जयप्रकाश और डा. अमृता गुप्ता की टीम ने जांच में पाया कि दोनों आंखों की कार्निया छोटी है और आंखों का मूवमेंट भी ठीक नहीं है।
चिकित्सकों ने बताया, आपरेशन से ठीक हो जाएगी रोशनी
चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की आंख की रोशनी आपरेशन से ठीक हो जाएगी। यह सुनकर स्वजन में उम्मीद जगी, लेकिन आपरेशन में खर्च की चिंता सताने लगी। डा. अमृता ने उन्हें समझाया कि घबराने की जरूरत नहीं है। यह सारा खर्च सरकार वहन करेगी। छह जनवरी को शिवांश के दोनों आंखों की सर्जरी कर लेंस प्रत्यारोपण निश्शुल्क किया गया। इसके बाद बच्चे को नेत्र वार्ड में भर्ती रखा गया।
दो दिन बाद ही मिल गई अस्पताल से छुट्टी
इस आपरेशन में आए लगभग 45 हजार रुपये तक के खर्च का वहन सरकार ने किया। शिवांश को आपरेशन के दो दिन बाद अस्पताल से उसे छुट्टी मिल गई। एक सप्ताह तक बच्चे को काला चश्मा पहनकर रहना पड़ा। अब शिवांश के आंखों की रोशनी सामान्य हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आलोक पांडेय ने कहा कि सही समय पर सही इलाज मिले तो बहुत हद तक बच्चा ठीक हो जाता है। सभी माता-पिता को बच्चे के पैदा होने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों से स्क्रीनिंग करवाते रहना चाहिए।
आरबीएसके के रहेंगे आभारी
शिवांश के पिता हरिश्चंद्र ने कहा कि मेरे बच्चे के निश्शुल्क इलाज से पूरा परिवार बहुत खुश है। इसके लिए वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बिंदु देवी, डा. जय प्रकाश और डा. अमृता गुप्ता, अजित प्रताप सिंह, अलका यादव की टीम और आपरेशन में लगी पूरी मेडिकल टीम के सहयोग के लिए जीवन भर आभारी रहेंगे।