प्रतिदिन 10 मरीजों की अनिवार्य रूप से जांच करेंगी रैपिड रेस्पांस टीमेें Gorakhpur News

गोरखपुर के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग गन्ना विकास व आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा है कि रैपिड रेस्पांस टीम प्रतिदिन क्षेत्र में जाए और कम से कम 10 मरीजो की अनिवार्य रूप जांच करें।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 11:30 AM (IST)
प्रतिदिन 10 मरीजों की अनिवार्य रूप से जांच करेंगी रैपिड रेस्पांस टीमेें Gorakhpur News
प्रतिदिन 10 मरीजों की अनिवार्य रूप से जांच करेंगी रैपिड रेस्पांस टीमेें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिले के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग, गन्ना विकास व आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा है कि रैपिड रेस्पांस टीम प्रतिदिन क्षेत्र में जाए और कम से कम 10 मरीजो की अनिवार्य रूप जांच करे। सभी एमवाइसी भी कोरोना मरीजों की पूरी जानकारी व रिपोर्ट अपने पास रखें। रैपिड रेस्पांस टीम अपनी जांच रिपोर्ट प्रतिदिन संबंधित एमवाइसी को उपलब्ध कराएं।

उन्होंने सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि कहीं भी दवा की कमी न होने पाए। जब 10 प्रतिशत दवा शेष रहे तभी अपने चिकित्सालयों के लिए दवा की मांग कर लें, जिससे दवा की उपलब्धता बनी रहे।

गोरखपुर के सर्किट हाउस के एनेक्सी भवन सभागार में जनपद के सीएचसी व पीएचसी के चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक करते हुए नोडल अफसर ने कहा कि पूरी सतर्कता के साथ कार्य करें। सभी चिकित्सालयों में कोविड हेल्प डेस्क एवं फ्लू डेस्क बनाए जाएं। घर-घर सर्वे करें। लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय बताएं और जागरूक भी करें। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित कर उनकी तत्काल जांच कराएं। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सभी आशा एवं एएनएम को सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए जिससे वे क्षेत्र में लोगों की जांच करने से पहले उनकी अंगुलियाें को साफ कर पल्स आक्सीमीटर का प्रयोग करें।

उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को प्रतिदिन दो बार अनिवार्य रूप से फोन करें और उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से निगरानी भी करें। स्वास्थ्य ठीक न होने की दशा में तत्काल कोविड अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए। यदि किसी मरीज को शिफ्ट कराने में कोई परेशानी आती है तो तत्काल इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम को जानकरी दें। उन्होंने कहा कि मरीजों की कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग ठीक तरह से की जाए तथा सीएचसी व पीएचसी पर साफ-सफाई एवं सैनिटाइजेशन की समुचित व्यवस्था हो। इसके लिए सभी सीएचसी व पीएचसी पर स्प्रे मशीन उपलब्ध कराया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह, अपर निदेशक स्वास्थ्य जे.एम. त्रिपाठी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नंद कुमार समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व सभी सीएचसी-पीएचसी के चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

मानसिक रोगों के प्रति किया जागरूक

उधर, सृजन मेंटल वेलनेस के तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन संगोष्‍‍‍‍ठी में मानसिक रोगों के बारे में जानकारी दी गई। नीमहंस, बंगलौर की सीनियर रेजीडेंट डॉ. गार्गी मंडल ने मानसिक रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए आत्महत्या करने वालों की मदद के संबंध में विस्तार से बताया। संयोजक आकृति पांडेय व मनोचिकित्सक डॉ. शशिभूषण गुप्ता थे। उन्हाेंने बताया कि हर रविवार को सायं पांच बजे यह संगोष्ठी आयोजित की जाएगी।

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