बदलता गोरखपुर : मरीन ड्राइव जैसा बन गया रामगढ़ताल, गोरखनाथ मंदिर की बढ़ गई आभा

पर्यटन विभाग के मुताबिक गोरखपुर में पर्यटकों की तादाद में बीते चार वर्ष में करीब 25 फीसद से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। चार वर्ष पहले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली तो गोरखपुर के लोगों की उम्मीदें पर्यटन विकास को लेकर परवान चढ़ीं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 12:15 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 12:15 PM (IST)
बदलता गोरखपुर : मरीन ड्राइव जैसा बन गया रामगढ़ताल, गोरखनाथ मंदिर की बढ़ गई आभा
गोरखपुर का मरीन ड्राइव रामगढ़ ताल की मनोहर छटा। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। बौद्ध परिपथ के हृदय स्थल पर मौजूद बाबा गोरखनाथ की धरती गोरखपुर पर्यटन के नजरिए से कितनी उर्वर है, बीते चार वर्ष में इस बात का एहसास हर किसी ने किया है। तरह-तरह की योजनाओं के माध्यम से हर उस स्थल को चमकाने की कोशिश हुई या हो रही है, जिसमें पर्यटन विकास की जरा भी संभावना है। आज शहर में दर्जन भर से अधिक ऐसी जगहें हैं, जो गोरखपुर आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने को मजबूर करने में सक्षम है।

बढ़ गई पर्यटकों की तादाद

पर्यटन विभाग के मुताबिक गोरखपुर में पर्यटकों की तादाद में बीते चार वर्ष में करीब 25 फीसद से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। चार वर्ष पहले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली तो गोरखपुर के लोगों की उम्मीदें पर्यटन विकास को लेकर परवान चढ़ीं। पर्यटन विभाग ने न केवल ठंडे बस्ते में पड़ी परियोजनाओं की फाइलों पर लंबे समय से जमी धूल झाड़ी बल्कि कई नई परियोजनाएं भी तैयार कीं। वर्षों तक दुर्दशा का दंश झेल चुका प्रकृति की अनमोल भेंट रामगढ़ताल इन दिनों मुंबई के मरीन ड्राइव सा बन गया है। ताल के बगल में बन रहे वाटर स्पोट्र्स कांप्लेक्स के निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

शहीद स्‍थल भी सवांरे गए

गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में गोरखनाथ मंदिर के अलावा कई ऐसे आध्यात्मिक स्थल हैं, जो बेहतर प्रस्तुति और प्रचार-प्रसार के अभाव में पर्यटकों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहे थे। सरकार की मंशा के अनुरूप पर्यटन विभाग ने ऐसे सभी आध्यात्मिक स्थलों को चिन्हित कर उन्हें चमकाया है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन स्थलों को चमकाने की योजना तैयार हो चुकी है। सरकार ने इसके लिए धन भी दे दिया है। गोरखनाथ मंदिर की चमक-दमक बढ़ाई गई तो शहीद स्थल भी सजाए-संवारे गए हैं। गोरखपुर और संत कबीरनगर की सीमा पर मौजूद कसरवल में मौजूद कबीर धूनी और गोरख तलैया भी लगभग बनकर तैयार है। 

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