व‍िश्‍व के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर बारिश का पानी, वेटिंग हाल में बैठने की जगह नहीं

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर बार‍िश का पानी गिर रहा है। यात्री खड़े नहीं हो पा रहे। अति आधुनिक सबसे बड़े वेटिंग हाल में लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिल रही। रेलवे के दफ्तरों की दशा भी बदहाल है। कार्यालयों में बैठना मुश्किल हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 08:50 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 08:01 PM (IST)
व‍िश्‍व के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर बारिश का पानी, वेटिंग हाल में बैठने की जगह नहीं
गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन के वेट‍िंंग हाल की टपकती छत। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बारिश ने विश्वस्तरीय गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बेहतर यात्री सुविधाओं की पोल खोल दी है। पानी प्लेटफार्मों पर ही गिर रहा है। यात्री खड़े नहीं हो पा रहे। अति आधुनिक सबसे बड़े वेटिंग हाल में लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिल रही। रेलवे के दफ्तरों की दशा भी बदहाल है। कार्यालयों में बैठना मुश्किल हो गया है। यात्री ही नहीं रेल कर्मचारी भी भीगने को मजबूर हैं।

मुख्‍य गेट से लेकर प्‍लेटफार्म तक टपक रहा पानी

शनिवार को दोपहर बाद मुख्य गेट पर पानी टपक रहा था। पूछताछ कार्यालय में बैठने की जगह नहीं बची थी। वेटिंग हाल में परिवार के साथ बांद्रा एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे महराजगंज निवासी सुशील का कहना था कि उनका बैग भीग गया है। पास ही बैठे कुशीनगर के चंद्रमोहन का कहना था कि रेलवे में सिर्फ किराया बढ़ेगा, सुविधाएं नहीं। पहले भी स्टेशन पर आकर भीगते थे, आज भी भीग रहे हैं। लाखों खर्च करने के बाद भी वेटिंग हाल में बैठने की जगह नहीं मिल रही। सुशील और चंद्रमोहन ही नहीं सैकड़ो यात्री परेशान थे। यह तब है जब रेलवे प्रशासन का कहना है कि छत और शेड की मरम्मत कराई जा रही है।

टपक रहीं रोडवेज की बसें, डिपो में भी पानी-पानी

बारिश में रोडवेज के यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। शनिवार को बसों की छतें टपकने लगीं। तेज हवाओं के साथ खिड़कियों और गेटों के रास्ते पानी अंदर घुस रहा था। लोग भीगी हुई सीटों पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर थे। डिपो परिसर में भी चारो तरफ पानी ही नजर आ रहा था। जर्जर हो चुके वेटिंग हाल और दफ्तरों के छत भी टपक रहे थे। गोरखपुर और राप्तीनगर वर्कशाप पानी से भर गया है। गोरखपुर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक महेंद्र पांडेय का कहना है कि वर्कशाप में बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही। शिकायतों के आधार पर बसों की मरम्मत कराई जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि पूरी तरह फिट बसें ही सड़कों पर निकाली जाएं। यात्री सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

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