बरसात ने गीडा की सड़कों को किया खराब, फंस जा रही उद्यमियों की गाड़ियां

गीडा के विभिन्न सेक्टरों की सड़कों का हाल खराब हो चुका है। सड़कों पर चलना मुश्किल है। आए दिन उद्यमियों का उत्पाद लेकर आने-जाने वाली गाड़ियां पूरे दिन फंस जा रही हैं। उद्यमी 10 दिन पहले से गड्ढों को भरने की मांग कर रहे थे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 03:30 PM (IST)
बरसात ने गीडा की सड़कों को किया खराब, फंस जा रही उद्यमियों की गाड़ियां
बारिश से गीडा की सड़कें हुईं खराब। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के विभिन्न सेक्टरों की सड़कों का हाल खराब हो चुका है। सड़कों पर चलना मुश्किल है। आए दिन उद्यमियों का उत्पाद लेकर आने-जाने वाली गाड़ियां पूरे दिन फंस जा रही हैं। उद्यमी 10 दिन पहले से ही ईंट के टुकड़े एवं गिट्टी डालकर गड्ढों को भरने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया। सुबह उद्यमियों का आक्रोश बढ़ने के बाद आनन-फानन गड्ढों में मिट्टी भर दी गई, जिससे कीचड़ में गाड़ियां निकलना मुश्किल हो गया है। आवागमन की दुश्वारियों के कारण कुछ फैक्ट्रियों में उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है।

पारले फैक्ट्री जाने वाली सड़क टूट चुकी है पूरी तरह

गीडा में हाईवे से पारले फैक्ट्री की ओर जाने वाली सड़क पूरी तरह से टूट गई है, इसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि गीडा के अधिकारियों से इस समस्या को लेकर बात की गई थी। गड्ढों में ईंट के टुकड़े एवं गिट्टी डलवाने को कहा गया था लेकिन केवल मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। मिट्टी डालने से दलदल जैसी स्थिति बन गई। जिलाध्यक्ष ने बताया कि एक उद्यमी की गाड़ी माल लेकर उनकी फैक्ट्री तक नहीं जा पाई, जिसके कारण इकाई काे बंद करना पड़ा। दोपहर बाद उसपर गिट्टी डाली गई लेकिन नीचे मिट्टी होने से वह भी धंस गया।

गीडा के अधिकारियों से बात की गई, नहीं मिली राहत

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह ने कहा कि गीडा के अधिकारियों से 10 दिन पहले ही बात की गई थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली। यहां की सड़कों पर चलना मुश्किल है। सुबह प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री से भी बात की गई है। उद्यमी राजेश अग्रवाल ने बताया कि फैक्ट्री के सामने की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वाहन फैक्ट्री तक नहीं आ पाए, जिससे उत्पादन बंद करना पड़ा। उद्यमियों का कहना है कि गीडा प्रबंधन को इस समस्या की ओर ध्यान देना होगा।

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