गोरखपुर शहर में मिला रेलवे का वर्षों पुराना नाला, शुरू हुई सफाई

निरीक्षण के दाैैैैैरान नगर आयुक्त ने नाला होने की संभावना जताई थी। इसके बाद खोदाई कराई गई तो पक्का नाला मिला है। नगर निगम की टीम काफी देर तक इलाके में नाला खोदाई में जुटी रही। नाला चार फीट चौड़ा छह फीट गहरा और सौ मीटर लंबाई में है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:28 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:28 PM (IST)
गोरखपुर शहर में मिला रेलवे का वर्षों पुराना नाला, शुरू हुई सफाई
रेलवे नाला का निरीक्षण करते कर्नल सीपी सिंह, सौ. नगर निगम।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जलभराव से मुक्ति दिलाने में जुटे नगर निगम के अफसरों को सिंघडिय़ा इलाके में रेलवे का बड़ा नाला मिला है। नाला गिट्टी और मिट्टी से बंद किया जा चुका था। निरीक्षण करने पहुंचे नगर आयुक्त ने जमीन में नाला होने की संभावना जताई थी। इसके बाद खोदाई कराई गई तो पक्का नाला मिला है। नगर निगम की टीम काफी देर तक इलाके में नाला खोदाई में जुटी रही। नाला चार फीट चौड़ा, छह फीट गहरा और सौ मीटर लंबाई में है। तीन तरफ से सिंघडिय़ा इलाके से पानी निकालने की व्यवस्था की जा रही है।

नगर आयुक्त ने बताया कि सिंघडिय़ा इलाके से जलनिकासी के स्थायी इंतजाम के लिए निरीक्षण किया गया। एयरफोर्स से आने वाले पानी को पहले ही रोक दिया गया है। रेलवे के नाले की सफाई कराई जा रही है। इसके साथ ही कच्‍चा नाला भी खोदा जा रहा है। तुर्रा नाला पर 13, देवरिया रोड पर चार और एयरफोर्स की तरफ तीन पंपिंग सेट चल रहे हैं।

नाले पर बने मकानों से रुक रहा पानी

सिंघडिय़ा इलाके का पानी निकालने के लिए नगर निगम का पूरा अमला वहीं मौजूद रहा। प्रज्ञापुरम में दो ऐसे मकान चिह्नित किए गए हैं जो नाले पर बने हैं। जहां नाले का अस्तित्व है उसमें गोबर, आलू-प्याज के छिलके मिल रहे हैं। नगर निगम के प्रवर्तन बल के प्रभारी कर्नल सीपी सिंह ने कई जगह पर नाले से अतिक्रमण भी हटाया। इस दौरान उपनगर आयुक्त संजय शुक्ल, मुख्य अभियंता सुरेश चंद, कर्नल सीपी सिंह, सफाई निरीक्षक महेश चंद्र, स्वर्ण कुमार सोनकर, रामनरेश नागवंशी आदि मौजूद रहे।

नागरिकों ने किया था जाम

सिंघडिय़ा के नागरिकों ने देवरिया रोड को जाम कर दिया था। अफसरों ने दो दिन में जलभराव से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया था। नगर आयुक्त के निर्देश पर सुबह ही नगर निगम की टीम सिंघडिय़ा इलाके में पहुंच गई थी।

प्रकृति नगर को बचाना भी जरूरी

नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ नागरिक रास्ता काटकर पानी रामगढ़ताल में गिराने की मांग कर रहे थे। ऐसा करने से प्रकृति नगर और गोरक्षनगर में जलभराव होता। इससे नागरिकों को परेशानी होती। बताया कि रविवार को प्रदर्शन के दौरान कुछ नागरिकों ने नगर निगम के तीन पंपिंग सेट बंद करवा दिए थे। बाद में इसे चलाया गया।

स्वर्ण सिटी कालोनी में लगा पंपिंग सेट

गैस गोदाम गली सिंघडिय़ा के स्वर्ण सिटी कालोनी का नगर आयुक्त ने निरीक्षण किया। यहां जलभराव मिलने के बाद नगर आयुक्त ने तीन और पंपिंग सेट तत्काल चलाने के निर्देश दिए। हरिद्वारपुरम गंगा टोला में भी नगर आयुक्त के निर्देश पर तीन पंपिंग सेट लगाए गए। नगर आयुक्त ने इंद्रप्रस्थपुरम कालोनी का भी निरीक्षण किया।

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