North Eastern Railway: मानसून की दस्तक के साथ रेलवे ने बढ़ाई लाइनों की निगरानी, 24 घंटे पेट्रोलिंग के लिए रेलकर्मियों की टीम गठित

दरअसल बारिश के दौरान बाढ़ या जल जमाव होने पर रेल लाइनों से अक्सर मिट्टी और गिट्टी बह जाती है। ऐसी स्थिति में पटरियों के धंसने की आशंका बनी रहती है। इसलिए रेल लाइनों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:28 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 03:28 PM (IST)
North Eastern Railway: मानसून की दस्तक के साथ रेलवे ने बढ़ाई लाइनों की निगरानी, 24 घंटे पेट्रोलिंग के लिए रेलकर्मियों की टीम गठित
चलती हुई रेल गाड़ी का फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। मानसून की दस्तक के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रेल लाइनों की निगरानी भी बढ़ा दी है। संबंधित रेलकर्मियों को सतर्क कर दिया गया है। किसी भी विषम परिस्थिति से तत्काल निपटने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों व पुलों के पास वाले रेलवे स्टेशनों पर बोल्डर, डस्ट और बालू आदि का भंडारण सुनिश्चित कर लिया गया है। ताकि, भारी वर्षा और जलजमाव की स्थिति में भी ट्रेनों का संचालन निर्बाध गति से होता रहे।

बोल्‍डर, डस्‍ट और बालू का हुआ भंडारण

जानकारों के अनुसार नकहा जंगल और गोंडा आदि चिन्हित स्टेशनों के पास 62999 घनमीटर बोल्डर तथा 14755 घनमीटर डस्ट और बालू आदि का भंडारण सुनिश्चित कर लिया है। वैगनों में भी बोल्डर और डस्ट आदि भर लिए गए हैं। जिससे जरूरत पडऩे पर इन सामग्रियों का उपयोग तत्काल किया जा सके। इसके अलावा लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के चिन्हित संवेदनशील रेल खंडों की 24 घंट पेट्रोलिंग के लिए अलग से रेलकर्मियों की अतिरिक्त टीम गठित कर ली गई है।

जल जमाव से रेल लाइनों से अक्सर बह जाती हैं मिट्टी और गिट्टी

दरअसल, बारिश के दौरान, बाढ़ या जल जमाव होने पर रेल लाइनों से अक्सर मिट्टी और गिट्टी बह जाती है। ऐसी स्थिति में पटरियों के धंसने की आशंका बनी रहती है। जून और जुलाई में गोरखपुर- आनंदनगर- नौतनवा और छपरा- बलिया आदि कुछ रेल खंडों पर अक्सर रेल लाइनों की मिट्टी के धंसने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। अगस्त और सितंबर में गोरखपुर- सहजनवां और गोरखपुर-नरकटियागंज रेलमार्गों पर बाढ़ का पानी आने की भी आशंका बनी रहती है।

रेलवे में सभी तैयारियां पूरी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि मानसून के दौरान रेल पथ को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिससे, बारिश के दिनों में भी ट्रेन संचालन निर्बाध एवं सुरक्षित ढंग से किया जा सके।

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