नेपाल तक फैला है देवरिया में गिरफ्तार किए गए हाथी दांत के तस्करों का रैकेट

हाथी के दांत की तस्करी में गिरफ्तार तीन तस्करों का यूपी ही नहीं देश के विभिन्न प्रांतों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल तक रैकेट फैला हुआ है। वन विभाग की टीम को इससे जुड़े कुछ साक्ष्य मिले हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:05 AM (IST)
नेपाल तक फैला है देवरिया में गिरफ्तार किए गए हाथी दांत के तस्करों का रैकेट
तस्‍करी कर ले जाए जा रहे हाथी दांत के साथ देवरिया में तस्‍कर गिरफ्तार। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। हाथी के दांत की तस्करी में गिरफ्तार तीन तस्करों का यूपी ही नहीं, देश के विभिन्न प्रांतों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल तक रैकेट फैला हुआ है। वन विभाग की टीम को इससे जुड़े कुछ साक्ष्य मिले हैं। जिसके बाद जांच टीम इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों तक पहुंचने में जुट गई है। अधिकारियों का दावा है कि पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।

गौरीबाजार क्षेत्र से पकडे गए थे तस्‍कर

वन विभाग की टीम ने दो दिसंबर को गौरीबाजार के बैतालपुर के समीप से सफेद रंग की बोलेरो से प्रतिबंधित हाथी का दांत बरामद करने के साथ ही तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। जिसमें शहर के अबूबकर नगर के रहने वाला नूर आलम खान, वकार अहमद, शादाब अहमद शामिल हैं। वन विभाग विभाग ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए देर रात तीनों को जेल भेज दिया। इस गिरोह में शामिल नूर आलम गिरोह का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। टीम ने सख्ती से पूछताछ की तो कुछ सफलता हाथ लगी। लेकिन बहुत कुछ उनसे उगलवाने में टीम सफल नहीं हो सकी।

बिहार व नेपाल के जंगलों से हाथी के दांत ले आने की आशंका

वन विभाग के जानकारों का कहना है कि बिहार के कुछ जगहों से हाथी के दांत की तस्करी होती है। इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी तस्कर हाथी के दांत लाते हैं। पकड़े गए तस्करों का लिंक नेपाल देश के कुछ तस्करों से भी है। इसलिए ज्यादा संभावना नेपाल से ही पकड़े गए दांत के आने की है। पकड़े गए दांत की कीमत ढाई करोड़ बताई जा रही है।

रैकेट के हर सदस्य को जोड़ने के लिए रिमांड पर लेने की तैयारी

वन विभाग की टीम इस प्रकरण की विवेचना कर रही है। इस टीम में लखनऊ के भी कुछ अधिकारियों के भी शामिल करने की तैयारी है। जेल भेजे गए तीनों आरोपितों को टीम पुन: रिमांड पर लेगी और पूछताछ करने के साथ ही रैकेट में शामिल अन्य सदस्यों का इतिहास खंगालेगी। जिसके बाद कुछ अन्य बात और सामने आ सकती है।

तो पहले से तस्करी में शामिल

पकड़े गए तीनों तस्करों के पहले से इस गिरोह में शामिल होने की बात कही जा रही है। यह हाथी के दांत कहां ले जा रहे थे, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इनको हाथी का दांत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ले जाना था। लेकिन अभी स्पष्ट रूप से यह कुछ भी नहीं बता रहे हैं। रिमांड पर आने के बाद ही कुछ बात सामने आ सकती है।

मोबाइल में छिपा है गिरोह का राज

तस्करों के पास से बरामद मोबाइलों में गिरोह के सदस्यों का राज छिपा है। टीम मोबाइल काल डिटेल व अन्य जानकारियां जुटाने में जुटी है। टीम का दावा है कि काल डिटेल निकलने के बाद पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो जाएगा। साथ ही हर तार जुड़ जाएंगे।

किया जाएगा गिरोह का पर्दाफाश

प्रभागीय वनाधिकारी बीके पांडेय ने बताया कि तस्कर जेल भेजे जा चुके हैं, पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा। जेल भेजे गए तस्कर रिमांड पर लिए जाएंगे।

chat bot
आपका साथी