पूर्वांचल और महाराष्ट्र के किसानों ने नहीं दिखाई रुचि, चलने से पहले ही बंद हो गई किसान एक्सप्रेस Gorakhpur News

किसानों को सहूलियत प्रदान करने के लिए रेलवे बोर्ड ने पुणे से गोरखपुर के बीच किसान पार्सल एक्सप्रेस की घोषणा की थी लेकिन किसानों द्वारा रुचि न दिखाने के कारण यह ट्रेन नहीं चली।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 06:02 AM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 11:05 AM (IST)
पूर्वांचल और महाराष्ट्र के किसानों ने नहीं दिखाई रुचि, चलने से पहले ही बंद हो गई किसान एक्सप्रेस  Gorakhpur News
पूर्वांचल और महाराष्ट्र के किसानों ने नहीं दिखाई रुचि, चलने से पहले ही बंद हो गई किसान एक्सप्रेस Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल और महाराष्ट्र के किसानों को रेलवे की महत्वाकांक्षी किसान पार्सल एक्सप्रेस नहीं भा रही है। रेलवे बोर्ड की घोषणा के बाद भी वाराणसी से होकर चलने वाली पार्सल ट्रेन आज तक नहीं चली। जबकि इसको लेकर रेलवे प्रशासन लगातार प्रयासरत है और मंडियां भी ट्रेनों का इंतजार कर रही हैं।

दरअसल, कोरोना काल में किसानों को सहूलियत प्रदान करने के लिए रेलवे बोर्ड ने पुणे से गोरखपुर के बीच किसान पार्सल एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा की है। ट्रेन एक से 29 सितंबर तक गोरखपुर से प्रत्येक मंगलवार को सुबह 9 बजे तथा पुणे से प्रत्येक रविवार को सुबह 10.50 बजे पुणे से चलाई जानी है। लेकिन अभी तक यह ट्रेन न गोरखपुर से चली है और न ही पुणे से। यह ट्रेन 1, 8 और 15 सितंबर को गोरखपुर से चलनी थी, लेकिन किसानों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। आलम यह है कि आज तक कोई उत्पाद ही बुक नहीं हुआ। रेलवे प्रशासन का कहना कि ट्रेन को चलाने का प्रयास किया जा रहा है। आज तक पुणे से ही गोरखपुर के लिए ट्रेन रवाना नहीं हुई। जबकि, पुणे से सड़क मार्ग से रोजाना अनार, मौसमी और प्याज आदि पूर्वांचल पहुंच रहा है। लेकिन ट्रेन से इन उत्पादों के लदान की तरफ व्यापारियों का कोई रुझान नहीं है।

ट्रेन में कोल्ड स्टोरेज के साथ 15 वैगन लगाने की है तैयारी

रेलवे बोर्ड ने किसान पार्सल एक्सप्रेस में किसानों की सहूलियत के लिए कोल्ड स्टोरेज के साथ 15 वैगन लगाने की तैयारी की है। कोल्ड स्टोरेज में किसान सब्जी, फल, फूल और दूध से बने उत्पाद भी पार्सल कर सकते हैं। वे रास्ते में निर्धारित स्टेशनों पर अपनी सामग्री चढ़ा और उतार सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें अतिरिक्त चार्ज देना होगा। यहां जान लें कि, रेल मंत्रालय ने बजट में ही भविष्य में किसान एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की थी। प्रयोग के तहत रेलवे ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। लेकिन रेलवे की यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।

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