बच्चों में बोर्ड परीक्षा का तनाव कम करेंगे मनोवैज्ञानिक, समूह काउंसिलिंग की तैयारी Gorakhpur News
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का तनाव दूर करने के लिए मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ स्कूलों में जाएंगे। वह वहां बतौर विशेषज्ञ 45 मिनट की कक्षाएं लेकर बच्चों की समूह काउंसिलिंग करेंगे और उनके प्रश्नों का जवाब देंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। यूपी बोर्ड, सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का तनाव दूर करने के लिए मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ स्कूलों में जाएंगे। वह वहां बतौर विशेषज्ञ 45 मिनट की कक्षाएं लेकर बच्चों की समूह काउंसिलिंग करेंगे और उनके प्रश्नों का जवाब देंगे। साथ ही उन्हें परीक्षा की ठीक ढंग से तैयारी करने के टिप्स भी देंगे।
तनाव दूर करने का देंगे टिप्स
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे बहुत से छात्रों में पढ़ी गई बातें भूल जाने की समस्या आ रही है। इस तरह के मामले मनोविज्ञान केंद्र भी पहुंचे रहे हैं, जिसे देखते हुए केंद्र की विशेषज्ञ डा. हिमांशु पांडेय व डा.सीमा श्रीवास्तव ने शहर के यूपी बोर्ड के बीस, सीबीएसई तथा आइसीएसई बोर्ड के दस-दस स्कूलों की सूची तैयार की, जहां वह एक-एक दिन जाकर बतौर विशेषज्ञ छात्रों का तनाव दूर करने टिप्स देंगी।
ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों की शुरू हुई काउंसिलिंग
डा. हिमांशु पांडेय ने बताया कि जुबिली इंटर कालेज में ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों की अलग-अलग 45-45 मिनट की कक्षाओं से काउंसिलिंग की शुरुआत हो चुकी हैं। इस दौरान बोर्ड परीक्षा में तीन घंटे में सारे सवालों का जवाब एकाग्रचित्त होकर कैसे लिखें इस बारे में उन्हें बताया गया। साथ ही तनाव मुक्त होकर परीक्षा देने तथा समय प्रबंधन को लेकर भी छात्रों को टिप्स दिए गए। इन कक्षाओं में एक छात्र ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मैं 45 मिनट तक लगातार नहीं पढ़ पाता हूं।
छात्रों ने यह पूछे सवाल
इसी प्रकार दूसरे छात्र ने पूछा कि मैंने विषय से संबंधित जो भी पढ़ा है वो अधिक समय तक याद नहीं रहता है। जबकि एक छात्र ने बताया कि जब हम नियमित पढऩे बैठते हैं, जिस विषय की अभी तक पढ़ाई शुरू नहीं की है उसकी तैयारी को लेकर चिंता सताती है। जिसका समाधान बताते हुए विशेषज्ञों ने छात्रों को सलाह दी कि जब पढऩा शुरू करे तो पांच मिनट का ध्यान करें। उसके बाद विषय वस्तु का अध्ययन करने के साथ कठिन शब्दों का चिह्नांकन करें तथा उनका मनन करें। प्रत्येक 45 मिनट की पढ़ाई के बाद दस मिनट का विराम लें, ताकि मस्तिष्क पढऩे के लिए पुन: ऊर्जावान होकर पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकें।