मांगों के समर्थन में रेलकर्मियों का विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा Gorakhpur News
रेल कर्मचारियों की तरफ से रेलवे के निजीकरण सेवा समीक्षा के नाम पर जबरन सेवानिवृत्ति डीए फ्रीजिंग खाली पड़े पदों को सरेंडर करने आदि मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। सभी कर्मचारियों ने एक जुट होने का संकल्प दोहराया।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे के निजीकरण समेत विभिन्न मांगों को लेकर रेलकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि रेल का निजीकरण किसी भी हालत में उचित नहीं है। रेलवे के निजीकरण से न केवल रेलवे के कर्मचारी प्रभावित होंगे, अपितु आम जनता को भी काफी परेशानी उत्पन्न होगी। हमें इसका हरहाल में विरोध करना होगा। रेलवे के निजीकरण के विरोध में हालांकि देश के समस्त रेलकर्मी हैं। अब जरूरी इस बात की है कि हमें एकजुटता बनाए रखने की जरूरत है।
आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर मंडल अध्यक्ष कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन और आमसभा का आयोजन किया गया। कृष्ण कुमार ने कहा कि रेलवे के निजीकरण, सेवा समीक्षा के नाम पर जबरन सेवानिवृत्ति, डीए फ्रीजिंग, खाली पड़े पदों को सरेंडर करने आदि मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सभी कर्मचारियों को एकजुट रहने की जरूरत है। तभी हमारा आंदोलन सफल होगा। उन्होंने कहा कि रेलकर्मियों के कारण ही आज कोरोना काल में भी लोगों को राहत मिली है। रेलकर्मचारियों ने जोखिम में रहकर रेल यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया है। इसलिए सरकार को निजीकरण करने से पहले पुनर्विचार करना होगा।
क्षेत्रीय महामंत्री विनय शर्मा ने कहा कि संगठन अपनी मांगों के निराकरण की लंबे समय से मांग कर रहा है। लेकिन निस्तारण नहीं होने के कारण रनिंग स्टाफ में आक्रोश व्याप्त है। यदि मांगों का जल्द निस्तारण नहीं किया जाता है तो संगठन आंदोलन को और तेज करेगा। क्षेत्रीय अध्यक्ष जगनारायण साह, पीआरकेएस महामंत्री विनोद राय ने 151 मेल एक्सप्रेस गाडिय़ों को पूंजीपतियों को बेचने और रेल के दोहन का आरोप लगाया। एआइजीसी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जेवीएस त्रिपाठी तथा इंजीनियरिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधि मनोज मिश्रा ने बतौर प्रमुख वक्ता रनिंग स्टाफ को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।
सभा के बाद प्रधानमंत्री, रेलमंत्री व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन भेजा गया। कार्यक्रम में प्रदीप कुमार, सत्य नारायण गुप्ता, सुजीत राय, शिवपूजन वर्मा, विश्वनन्दन तिवारी, सुरेन्द्र प्रसाद मौर्या, पंकज कुमार, अनीष भारती, शिवशंकर प्रसाद आदि मौजूद थे।