गोरखपुर में इंडस्ट्रियल आक्सीजन के उत्पादन पर सरकार ने लगाई रोक Gorakhpur News

फैक्ट्रियों में लोहे की कटिंग वेल्डिंग आदि कार्यों में आक्सीजन का प्रयोग होता है। गीडा की फैक्ट्रियों से कुछ छोटी इकाइयों में इसकी आपूर्ति की जाती है जबकि बड़ी इकाइयां बाहर से इंडस्ट्रियल आक्सीजन मंगाती हैं। गोरखपुर में फैक्ट्रियों के लिए उत्‍पादन बंद हो गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:57 PM (IST)
गोरखपुर में इंडस्ट्रियल आक्सीजन के उत्पादन पर सरकार ने लगाई रोक Gorakhpur News
गोरखपुर में आक्‍सीजन की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। मेडिकल आक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए इंडस्ट्रियल आक्सीजन के उत्पादन पर सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है। शुक्रवार से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की फैक्ट्रियों में इंडस्ट्रियल आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन रोक कर केवल मेडिकल आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन किया जा रहा है। इससे जिले की करीब 50 फैक्ट्रियों पर असर पड़ेगा। यहां कुछ जरूरी कार्यों के लिए आक्सीजन नहीं मिल पाएगा। इससे उक्‍त फैक्ट्रियों के क्‍या प्रभाव पड़ेगा, अभी कुछ बताना जल्‍दबाजी होगी। बहरहाल, सरकार के आदेश के बाद उद्यमी परेशान नजर आ रहे हैं।

लोहे की कटिंग, वेल्डिंग आदि कार्यों में होता है आक्सीजन का प्रयोग

फैक्ट्रियों में लोहे की कटिंग, वेल्डिंग आदि कार्यों में आक्सीजन का प्रयोग होता है। गीडा की फैक्ट्रियों से कुछ छोटी इकाइयों में इसकी आपूर्ति की जाती है जबकि बड़ी इकाइयां बाहर से इंडस्ट्रियल आक्सीजन मंगाती हैं। मोदी केमिकल्स के निदेशक प्रवीण मोदी ने बताया कि जिले की तकरीबन 50 फैक्ट्रियों में इंडस्ट्रियल आक्सीजन की रोजाना करीब 400 सिलेंडर आपूर्ति की जाती है। मोदी केमिकल्स के अलावा आरके आक्सीजन में भी आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन होता है। दोनों इकाइयों में मिलाकर 2600 सिलेंडर मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन रोज होता है।

गोरखपुर में 95 बूथों पर कोविड टीकाकरण

तीसरे चरण के कोविड टीकाकरण में 95 बूथों पर लोगों को टीका लगाया जा रहा है। उत्सव व उल्लास का माहौल है। बड़ी संख्या में लोग स्वेच्छा से पहुंचे हैं और लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक किसी की तबीयत खराब होने की सूचना नहीं है। हर बूथ के गेट पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। परिचय पत्र देखकर वे लोगों को अंदर प्रवेश दे रहे हैं। वहां सत्यापन के बाद टीकाकरण हो रहा है। टीका लगने के बाद लोगों को 30 मिनट आब्जर्वेशन कक्ष में विशेषज्ञों की निगरानी में बैठाया जा रहा है। वहां भी खुशनुमा माहौल है।

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