कुशीनगर में दूर होंगी सात गांवों के लोगों की मुश्किलें
कुशीनगर में नारायणी नदी के पार दियारा में बसे महराजगंज जिले के के गांवों को अब कुशीनगर में शामिल किया जाएगा इन गांवों के लोगों को महराजगंज मुख्यालय पहुंचने के लिए तय करनी पड़ती है लंबी दूरी कुशीनगर में मिलने के बाद यहां के लोगों को सरकारी सुविधाएं मिल सकेंगी।
कुशीनगर : यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित नारायणी नदी के उस पार दियारा में बसे महराजगंज जिले के सात गांवों के लोगों की मुश्किलें अब दूर होंगी। यह गांव कुशीनगर जिले की खड्डा तहसील में शामिल किए जाएंगे। इससे लोगों को लंबी दूरी तय कर महराजगंज जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। सारी कार्रवाई पूरी हो गई है, शासन की अंतिम मुहर लगनी बाकी है।
दियारा में बसे इन गांवों में महराजगंज व कुशीनगर जिले के कुल 15 गांव शामिल हैं। सोहगीबरवा, भोतहा, शिकारपुर, मटियरवा, नौका टोला, मूजा टोला व पिपरपासी महराजगंज की निचलौल तहसील में हैं। मरिचहवा, शिवपुर, नरायनपुर, बकुलादह, बालगोविद छपरा, हरिहरपुर व पथलहां कुशीनगर की खड्डा तहसील में हैं। महराजगंज जिले के गांवों के लोगों को नदी उस पार से निचलौल तक जाने आने का कोई रास्ता नहीं हैं। तहसील मुख्यालय पहुंचने के लिए खड्डा आना पड़ता है। जिला मुख्यालय जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। अब यह गांव खड्डा तहसील में शामिल होंगे।
विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने शासन स्तर पर यह मुद्दा उठाया था। राजस्व परिषद ने दोनों जिलों के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। 19 जनवरी 2021 को एसडीएम अरविद कुमार ने एडीएम कुशीनगर को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि जनहित में इन गांवों को खड्डा में शामिल किया जाना उचित होगा। इस पर राजस्व परिषद को रिपोर्ट भेजी गई। जिलाधिकारी एस राजलिगम ने 24 सितंबर 2021 को शासन की मंशा के अनुरूप अंतिम रिपोर्ट शासन में भेज दी है। 2017 में भी महराजगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में इन गांवों को शामिल करने की पहल की थी। दो राज्यों के बीच का मामला होने के कारण बात नहीं बन सकी।
क्या कहते हैं ग्रामीण
इन गावों के निवासी राजेश्वर प्रसाद, बिनोद चौहान, कतवारी देवी आदि ने कहा कि ऐसा होने के बाद गांव का ही नहीं, हमारा भी पुनर्जन्म हो जाएगा। हम पूरी तरह से उपेक्षित हैं। न इधर के हैं और न उधर के।
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शासन को रिपोर्ट भी भेज दी गई है। शीघ्र ही यह गांव कुशीनगर जिले का हिस्सा होंगे। इससे ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। विकास की मुख्य धारा में शामिल होंगे।