गोरखपुर से गन्‍ना क‍िसानों में उम्‍मीद जगा गए प्रधानमंत्री मोदी, एथेनाल से बदलेगी गन्‍ना क‍िसानों की क‍िस्‍मत

PM Modi Gorakhpur visit खाद कारखाना में आयोजित सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की और यह भी बताया कि सरकार प्रतिवर्ष 5-7 लाख करोड़ रुपये कचे तेल के आयात पर खर्च करती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 12:19 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 12:19 PM (IST)
गोरखपुर से गन्‍ना क‍िसानों में उम्‍मीद जगा गए प्रधानमंत्री मोदी, एथेनाल से बदलेगी गन्‍ना क‍िसानों की क‍िस्‍मत
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी व सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संबोधन के दौरान पूर्वांचल के गन्ना किसानों को सहेज गए। प्रधानमंत्री ने एथेनाल को गन्ना किसानों के लिए चीनी के अलावा दूसरी आय का बेहतर साधन बताया। प्रधानमंत्री ने पूरब के गन्ना किसानों में एक उम्मीद जगाई कि आने वाले दिनों में उनका गन्ना आय का बड़ा स्रोत बनने वाला है।

एथेनाल को गन्ना किसानों के लिए कमाई का बड़ा साधन बता गए मोदी

खाद कारखाना में आयोजित सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की और यह भी बताया कि सरकार प्रतिवर्ष 5-7 लाख करोड़ रुपये क'चे तेल के आयात पर खर्च करती है। उन्होंने बताया कि सरकार एथेनाल व बायो फ्यूल पर जोर देकर आयात के इस खर्च को कम करने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल का यह क्षेत्र गन्ना किसानों का गढ़ है और बीते साढ़े चार सालों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के लिए काफी काम भी किया है। प्रदेश में चीनी मिलों की संख्या, उसकी क्षमता बढ़ाने के साथ गन्ने की कीमत 350 रुपये प्रति क्विंटल करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने काम किया है।

गन्ना मूल्य भुगतान व कीमत बढ़ाने को लेकर पीएम ने की सीएम की तारीफ

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार गन्ने के भुगतान को लेकर भी गंभीर है। प्रधानमंत्री का भाषण खत्म होते ही तमाम किसान यह चर्चा करते नजर आए कि पिपराइच चीनी मिल में भी एथेनाल प्लांट लगाया जाना है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। प्रदेश की कई चीनी मिलों में एथेनाल प्लांट लगाया भी जा चुका है। इसकी देन है कि वर्ष 2017 से पूर्व यूपी से करीब 20 करोड़ लीटर एथेनाल तेल कंपनियों को भेजा जाता था। आज 100 करोड़ लीटर एथेनाल कंपनियों को भेजा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि एथेनाल पर जोर देकर वह क'चे तेल के आयात को कम करेंगे। ऐसे में पूर्वांचल के गन्ना किसानों की आय बढ़ेगी।

मंच पर दिखा राजनीतिक गठजोड़ और चुनावी रणनीति

विधानसभा चुनाव नजदीक है, इसकी तस्दीक फर्टिलाजर कारखाना परिसर में सजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंच पर नेताओं की मौजूदगी को देखकर भी हुई। मंच पर चुनावी राजनीतिक गठजोड़ साफ नजर आया तो चुनावी प्रदेश के चुनाव की रणनीति भी तैयार होती दिखी। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की न केवल मौजूदगी रही बल्कि मोदी ने मंच पर पहुंचने के बाद उनका भरपूर सम्मान भी किया। चंद सेकेंड के लिए ही सही मोदी डा. संजय निषाद के पास ठहरे और उनके कंधे पर हाथ रखकर अपनेपन का अहसास भी कराया।

संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल को मिला पूरा सम्मान

अनुप्रिया पटेल हालांकि केंद्र सरकार में वाणिज्य और उद्योग की राज्यमंत्री हैं, लेकिन मंच पर उनकी मौजूदगी के लोग राजनीतिक निहितार्थ निकालते नजर आए। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद को जब संबोधन का अवसर दिया गया तो उन्होंने बाकायदा मंच को चुनावी रंग भी दिया। अपनी कुछ की मांगों के साथ मोदी और योगी की जमकर प्रशंसा की। विधानसभा चुनाव की दृष्टि से ही मंच पर गोरखपुर और बस्ती मंडल के सभी सांसदों को तो स्थान दिया ही गया था, गोरखपुर के विधायकों को मंच देकर नई परंपरा की शुरुआत होती दिखी। आमतौर पर प्रधानमंत्री के मंच पर विधायक नहीं होते हैं लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें भी मंच का हिस्सा बनाना, सीधे तौर पर चुनावी रणनीति कहा हिस्सा था।

पार्टी सूत्रों की मानें तो विधायकों को मंच देने का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लिया था। मोदी ने अपने संबोधन में भी सांसदों और विधायकों का जिक्र करके उनकी मौजूदगी की सार्थकता बताई। मंच पर मौजूद सभी सांसदों को तो बारी-बारी से संबोधन का अवसर भी दिया गया, जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां बताईं और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोट भी मांगा।

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