UP Panchayat Election News: कहीं पीठासीन अधिकारी गायब, कहीं कोरोना संक्रमित की लगा दी ड्यूटी

UP Panchayat Election News गोरखपुर के पिपराइच ब्लाक पर एक महिला शिक्षक चार दिन पहले से कोरोना पाजिटिव थी। उसके पति रिपोर्ट दिखाकर ड्यूटी से मुक्त करने की सिफारिश करते रहे लेकिन ब्लाक पर मौजूद कोई अधकारी उसकी सुनवाई नहीं कर रहा था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:35 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:37 AM (IST)
UP Panchayat Election News: कहीं पीठासीन अधिकारी गायब, कहीं कोरोना संक्रमित की लगा दी ड्यूटी
पंचायत चुनाव की ड्यूटी पर पहुंचे मतदान कर्मी। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। पोलिंग पार्टियों को बूथ तक रवाना करने में जिला प्रशासन को नाको चने चबाने पड़े। कार्रवाई को लेकर उनकी ओर से दी जा रही चेतावनी पर कोरोना का डर भारी रहा। लगभग सभी ब्लाकों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित रहे। पीठासीन अधिकारियों तक ने ड्यूटी पर न जाने का निर्णय लिया।

आनन-फानन में रिजर्व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर पोलिंग पार्टी तैयार की गई। स्थिति यह रही कि मतदान अधिकारी प्रथम (पी1) के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को जबरन पीठासीन अधिकारी बनाकर भेज दिया गया। प्रशासन ने इज्जत बचाने के लिए कई महिलाओं को भी पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी।

सभी मतदान कर्मियों को सुबह नौ बजे आवंटित ब्लाकों पर उपस्थित होने को कहा गया था। दोपहर बाद एक बजे तक सबकुछ सामान्य चला। पोङ्क्षलग पार्टियां मतदान से जुड़ी सामग्री लेकर धीरे-धीरे रवाना होती रहीं लेकिन उसके बाद जब कर्मियों की कमी नजर आयी तो रिटर्निंग आफिसरों की परेशानी बढऩे लगी। भटहट, पिपराइच जैसे ब्लाकों पर 10 से अधिक पीठासीन अधिकारी नहीं आए। एफआइआर से लेकर कई तरह की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई लेकिन किसी ने नहीं सुना।

कोरोना पीडि़त को भी बुलाया गया

पिपराइच ब्लाक पर अधिकारियों के व्यवहार को लेकर मतदान कर्मियों ने नाराजगी भी जतायी। एक महिला शिक्षक चार दिन पहले से कोरोना पाजिटिव थी। उसके पति रिपोर्ट दिखाकर ड्यूटी से मुक्त करने की सिफारिश करते रहे लेकिन ब्लाक पर मौजूद कोई अधकारी उसकी सुनवाई नहीं कर रहा था। ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी ने कोरोना रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया। इसी तरह बूथ नंबर 70 पर ड्यूटी करने पहुंची एक महिला कर्मचारी को सुबह से ही तेज बुखार था। सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित ब्लाक के अन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।

पी 1 के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 50 वर्ष से अधिक उम्र की एक महिला की ड्यूटी देर शाम अचानक पीठासीन अधिकारी के रूप में लगा दी गई। उन्होंने लगातार असमर्थता जतायी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला ने बताया कि वह थोड़ी दूर चलने में भी असमर्थ हैं। पिपराइच में रात आठ बजे के बाद तक पोङ्क्षलग पार्टियां रवाना होती रहीं। यहां कुल 108 कर्मचारी अनुपस्थित रहे। 27 पीठासीन अधिकारी नहीं आए। रिजर्व में 96 लोगों की ड्यूटी लगी थी, उसमें से 37 ही आए। 

ड्यूटी कटवाकर ब्लाक पर ही घूमते रहे कई कर्मचारी

ब्लाकों पर कई ऐसे कर्मचारी भी पहुंचे थे, जिन्होंने राजनीतिक प्रभाव के बूते पहले ही अपनी ड्यूटी कटवा ली थी। अन्य कर्मचारियों के बीच जाकर ड्यूटी कटवा लेने की बात भी बड़े चाव से बता रहे थे। उनकी बातें सुनकर कई कर्मचारी हस्ताक्षर करने के बावजूद वापस चले गए। 

नाकाफी हुई पानी की व्यवस्था

ब्लाकों पर मतदान कर्मियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। दोपहर 12 बजे तक पीने के लिए मंगाया गया पानी समाप्त हो चुका था। उसके बाद नल का पानी पीने या फिर पानी का बोतल खरीदने को मजबूर होना पड़ा। गर्मी के कारण कई कर्मचारियों की हालत खराब रही। गगहा ब्लाक के ग्राम पंचायत टिकरी में आदर्श संस्कृत महाविद्यालय ढरसी पर न तो कुर्सी, मेज था और न ही बिजली की व्यवस्था थी। कर्मचारियों ने फर्श पर बैठकर टार्च की रोशनी में काम निपटाया।

भटहट में कार्रवाई का निर्देश

भटहट में 35 पीठासीन अधिकारी एवं 136 कर्मचारी अनुपस्थित रहे। इनमें से कई हस्ताक्षर करने के बाद वहां से चले गए। प्रेक्षक एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने वहां पहुंचकर रिजर्व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने को कहा। इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 

दूसरे ब्लाकों से बुलाने पड़े रिजर्व कर्मी

कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने के कारण दूसरे ब्लाकों से कर्मचारियों को बुलाकर काम चलाना पड़ा। यही कारण रहा कि कई ब्लाकों पर देर शाम तक पोङ्क्षलग पार्टियां रवाना होती रहीं।

रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व सफाईकर्मियों की लगी ड्यूटी

इस चुनाव में रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक एवं सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगायी गई। गोला, भटहट, ब्रह्मपुर आदि ब्लाकों में रोजगार सेवकों की ड्यूटी लगाकर पार्टी को रवाना किया गया।

ब्लाकों पर नहीं माना गया अधिकारियों का आदेश

अधिकारियों ने यह स्पष्ट कहा था कि महिला कर्मचारियों को बूथ पर रुकने की मजबूरी नहीं होगी। वे सुबह बूथ पर आ सकेंगी। पर, अचानक कई महिलाओं की ड्यूटी पीठासीन में लगा दी गई। वरिष्ठ अधिकारी यह कहते रहे कि उन्हें सुबह आने की छूट है लेकिन जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने फरमान सुनाकर महिलाओं को बूथ पर रुकने को मजबूर कर दिया।

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