गोरखपुर विश्‍वविद्यालय छात्रों को बिना परीक्षा दिए पास करने की तैयारी, 20 मई के बाद होगा निर्णय Gorakhpur News

परीक्षा को लेकर सबसे ज्यादा परेशान स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी हैं। उनका कहना है कि अगर बीते वर्ष की तरह इस बार भी अंतिम वर्ष की परीक्षा और बाकी को प्रमोट करने का निर्णय होता है तो वह बिना परीक्षा के ही अंतिम वर्ष में पहुंच जाएंगे।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 03:48 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 03:48 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय छात्रों को बिना परीक्षा दिए पास करने की तैयारी, 20 मई के बाद होगा निर्णय Gorakhpur News
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। कई विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा न कराए और विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने के फैसले ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों बेचैनी बढ़ा दी है। उन्हें ऐसा लगने लगा है कि उनके विश्वविद्यालय की परीक्षाएं इस वर्ष भी नहीं होंगी क्योंकि परिस्थितियां बीते वर्ष से भी बदतर हैं। बीते वर्ष यूजीसी ने विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने का निर्णय लिया था और इसे लेकर विश्वविद्यालय को बाकायदा निर्देशित किया था। इस वर्ष उसने भी यह निर्णय विवि प्रशासन पर छोड़ दिया है। ऐसे में विद्यार्थी अपने विवि प्रशासन से इसे लेकर जल्द निर्णय लेने की डिमांड कर रहे हैं ताकि उनका असमंजस दूर हो सके और वह भविष्य को लेकर कोई निर्णय ले सकें। उम्‍मीद है कि बिना परीक्षा दिए ही छात्रों को पास कर दिया जाएगा।

ऐसे तो अंतिम वर्ष ही हो जाएगा निर्णायक

परीक्षा को लेकर सबसे ज्यादा परेशान स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी हैं। उनका कहना है कि अगर बीते वर्ष की तरह इस बार भी अंतिम वर्ष की परीक्षा और बाकी को प्रमोट करने का निर्णय होता है तो वह बिना परीक्षा के ही अंतिम वर्ष में पहुंच जाएंगे। ऐसे में उनके पूरे स्नातक की पढ़ाई का  मूल्यांकन अंतिम वर्ष के अंक के आधार पर होगा। कहीं अंतिम वर्ष में वह किसी वहज से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके, तो उनका पूरे तीन वर्ष का रिजल्ट खराब हो जाएगा। ऐसे में अंतिम वर्ष परीक्षा में करो या मरो की स्थिति रहेगी।

विद्यार्थी बोले

छात्र दीपक निषाद का कहना है कि देश के कई विश्वविद्यालय ने परीक्षा को लेकर अपना निर्णय ले लिया है। ऐसे में हमें भी अपने विश्वविद्यालय के निर्णय को लेकर बेसब्री से इंतजार है। वहीं राहुल गिरी का कहना है कि समस्या यह है कि अगर इस बार भी प्रमोट कर दिए गए तो अंतिम वर्ष में हमारी अग्नि परीक्षा होगी। अगर परीक्षा हो जाती तो हमारे भविष्य के लिए बेहतर होता। जबकि अमितेश का कहना है कि जो परिस्थितियां बन रही हैं, उससे ऐसा लगने लगा है कि एक वर्ष की परीक्षा से तीन वर्ष की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। यह स्थिति ठीक नहीं। रवि प्रकाश का कहना है कि इस की वार्षिक परीक्षा के आयोजन की परिस्थितियों का ख्याल मन में आता है तो निराशा होने लगती है। जल्द से जल्द निर्णय हो जाता तो ठीक था। वहीं दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन खुद भी चिंतित है क्योंकि इससे विद्यार्थियों का भविष्य जुड़ा हुआ है। पूरी कोशिश होगी कि परीक्षा का आयोजन हो। फिलहाल शासन के मार्गदर्शन का भी इंतजार किया जा रहा है। 20 मई के बाद परिस्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय स्तर पर इसे लेकर मंथन किया जाएगा।

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