प्रदेश में 1857 की क्रांति से जुड़े स्थलों को चमकाने की तैयारी

निदेशालय ने विभाग से कहा है कि वह क्रांति से जुड़े प्रमुख स्थलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी दें। साथ ही वहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या क्या है और पर्यटन की दृष्टि से उस स्थल का क्या महत्व है जैसी जानकारी मांगी है।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 12:29 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 02:39 PM (IST)
प्रदेश में 1857 की क्रांति से जुड़े स्थलों को चमकाने की तैयारी
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बहुत जल्द जंग-ए-आजादी की पहली लड़ाई यानी 1857 की क्रांति से जुड़े ऐतिहासिक स्थल पर्यटन के नक्शे पर नजर आएंगे। पर्यटन निदेशालय ऐसे सभी स्थलों को पर्यटकों की दृष्टि से चमकाने की तैयारी शुरू कर दी है। निदेशालय ऐसे सभी प्रमुख स्थलों का ब्योरा तैयार करा रहा है, जो 1857 की क्रांति से जुड़े हैं। इसके लिए निदेशालय ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी किया है कि वह 15 दिन में समस्त ब्योरा उपलब्ध करा दें।

निदेशालय ने विभाग से कहा है कि वह क्रांति से जुड़े प्रमुख स्थलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी दें। साथ ही यह भी उपलब्ध कराएं कि आज की तारीख में यहां वहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या क्या है और पर्यटन की दृष्टि से उस स्थल का क्या महत्व है। निदेशालय ने विभाग के उप निदेशकों और क्षेत्रीय अधिकारियों से स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रस्तावित इस्टीमेट भी मांगा है। प्रस्तावित कार्य के लिए भूमि निर्विवाद हो, यह भी सुनिश्चित करने को कहा है। निर्माण के बाद संचालन और रख-रखाव की व्यवस्था को भी प्रस्ताव में शामिल का निर्देश दिया है। इसके लिए निदेशालय से अधिकारियों को जिला प्रशासन से मदद लेने की सलाह भी दी है। साथ ही प्रस्ताव को जिलाधिकारी की ओर से भेजने के लिए कहा है।

तीन स्थल हुए चिन्हित, बाकी की जुटा रहे जानकारी

निदेशालय से पत्र मिलने के बाद क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय ने 1857 की क्रांति से संबंधित तीन स्थलों को चिन्हित कर लिया है। इनमें गोरखपुर का तरकुलहा देवी स्थान, मऊ का मऊआर और बलिया का मंगल पांडेय स्मारक शामिल है। अन्य स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र का कहना है कि निदेशालय का पत्र मिलने के बाद परिक्षेत्र में आने वाले 1857 की क्रंाति से जुड़े प्रमुख स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है। तीन स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं बाकी के लिए विशेषज्ञों से संपर्क साधा जा रहा है। स्थल चिन्हित होते ही प्रस्ताव तैयार करके निदेशालय भेज दिया जाएगा।

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