गोरखपुर में नया गोरखपुर बसाने की तैयारी शुरू, ग्रुप हाउसिंग के तीन नए प्रोजेक्ट को जीडीए ने दी मंजूरी

गोरखपुर में नया गोरखपुर शहर बसाने के क्रम में गोरखपुर व‍िकास प्राध‍िकरण ने ग्रुप हाउसिंग के तीन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इनके निर्माण से करीब 450 आवासों का तोहफा मिलेगा। सभी प्रोजेक्ट तारामंडल क्षेत्र में लांच किए जाएंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 12:21 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 03:15 PM (IST)
गोरखपुर में नया गोरखपुर बसाने की तैयारी शुरू, ग्रुप हाउसिंग के तीन नए प्रोजेक्ट को जीडीए ने दी मंजूरी
गोरखपुर में नया गोरखपुर बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Group housing in gorakhpur: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने ग्रुप हाउसिंग के तीन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इनके निर्माण से करीब 450 आवासों का तोहफा मिलेगा। सभी प्रोजेक्ट तारामंडल क्षेत्र में लांच किए जाएंगे। ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी बोर्ड की बैठक में सहमति बनी।

बोर्ड की बैठक में ल‍िया गया न‍िर्णय

मंडलायुक्त/अध्यक्ष जीडीए रवि कुमार एनजी की अध्यक्षता में बैठक में प्राधिकरण की ओर से जानकारी दी गई कि लोगों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीन नए प्राेजेक्ट लांच किए जाने हैं। प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा के बाद बोर्ड के सदस्यों ने तीनों को मंजूरी दे दी। गोरक्ष एन्क्लेव के नाम से पहला प्रोजेक्ट रामगढ़ताल के सामने चंपा देवी पार्क के पास लांच किया जाएगा। इसमें टू बीएचके एवं थ्री बीएचके के 90 आवास होंगे। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (यूपी रेरा) में आवेदन किया गया है। इसे दीपावली तक लांच करने की तैयारी है। दूसरा प्रोजेक्ट राप्ती ग्रीन्स के नाम से चिड़ियाघर के सामने लांच किया जाएगा। इसकी भी तैयारी की जा चुकी है और जल्द ही रेरा में अनुमोदन के लिए भेज दिया जाएगा। इसमें भी टू बीएचके एवं थ्री बीएचके के 72 आवास होंगे।

बड़ा होगा तीसरा प्रोजेक्‍ट

तीसरा प्रोजेक्ट काफी बड़ा होगा। इसे गार्डेनिया ग्रुप हाउसिंग के सामने एवं चिड़ियाघर की चहारदिवारी के बीच खाली जीडीए की करीब सात एकड़ जमीन पर लांच किया जाएगा। यहां भी टू बीएचके एवं थ्री बीएचके के करीब 300 से अधिक आवास होंगे। इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है। एयरफोर्स स्टेशन के आसपास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाकर 100 मीटर करने के बाद सैनिक विहार एवं अन्य कालोनियों में शमन मानचित्र के शुल्क निर्धारण में कमी से जुड़े प्रस्ताव पर बोर्ड ने नियमानुसार कार्रवाई करने की अनुमति दी है। अब इस मामले में जीडीए उपाध्यक्ष की ओर से पत्र जारी किया जाएगा। बोर्ड बैठक में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह, सचिव उदय प्रताप सिंह, मुख्य अभियंता पीपी सिंह, नामित बोर्ड सदस्य दुर्गेश बजाज आदि उपस्थित रहे।

एक भूखंड पर पास करा सकेंगे एक से अधिक मानचित्र

प्राधिकरण या निजी बिल्डर की ओर से विकसित योजनाओं में पहले एक भूखंड पर एक ही मानचित्र पास कराया जा सकता था। इस नियम से एक ही परिवार के दो लोग मानचित्र नहीं पास करा पाते थे। इन भूखंडों के उपविभाजन का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया था, जिसपर बोर्ड ने मुहर लगा दी है। अब एक भूखंड पर आसानी से एक से अधिक मानचित्र पास कराए जा सकेंगे। जीडीए में लंबे समय से लटके इस तरह के कई आवेदनों का अब निस्तारण भी हो सकेगा। फर्टिलाइजर परिसर में प्रस्तावित सैनिक स्कूल के भूखंड का भू प्रयोग बदलने का फैसला बोर्ड द्वारा पूर्व में बाई सर्कुलेशन किया गया था। इस बैठक में इसे बोर्ड के सदस्यों के समक्ष जानकारी के लिए रखा गया।

इन प्रस्तावों पर भी लगी बोर्ड की मुहर

जीडीए बोर्ड ने रामगढ़ताल परियोजना के अंतर्गत गौतम विहार आवासीय योजना एवं गौतम विहार विस्तार आवासीय योजना के बीच प्राधिकरण की आडिटोरियम एवं मोटल के लिए आरक्षित पांच एकड़ भूमि एवं नीर निकुंज के पश्चिम इंदिरा नगर प्राइवेट कालोनी से सटे पुलिस स्टेशन के लिए आरक्षित चार एकड़ भूमि का भू उपयोग खुला स्थल (पार्क) से आवासीय करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई।

प्राधिकरण के चार वाहनों को निष्प्रोज्य घोषित कर नीलाम करने एवं चार नए वाहन खरीदने, प्राधिकरण के प्रयोग के लिए एक हाइड्रोलिक ट्राली, दो ट्रक, माउंटेड सिवर जेटिंग मशीन एवं एक जेसीबी मशीन क्रय करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया। शासन की ओर से नामित सदस्यों ने जीडीए की परियोजनाओं के शिलापट्ट पर बोर्ड के सदस्यों का नाम भी अंकित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, इसे भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी।

मंडलायुक्त की अध्यक्षता में संपन्न जीडीए बोर्ड की बैठक में ग्रुप हाउसिंग के तीन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही भूखंडों के उपविभाजन पर भी बोर्ड ने मुहर लगा दी है। अब एक भूखंड पर एक से अधिक मानचित्र पास हो सकेंगे। कई अन्य महत्वूपर्ण परियोजनाओं पर बोर्ड ने मुहर लगाई है। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।

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