UP Panchayat Elections: बर्ड फ्लू ने महंगी कर दी चुनाव की तैयारी, जानें कैसे ?

पंचायत चुनाव में मांसाहारी व्यंजन अब संभावित प्रत्याशियों पर भारी पडऩे लगा है। बर्ड फ्लू का खतरा मानते हुए दावतों में अब चिकन के बजाए मटन की मांग होने लगी है। संभावित प्रत्याशी इसलिए परेशान हैं क्योंकि मुर्गे एवं मटन के दाम में चार गुने का फर्क है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 10:30 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 08:09 AM (IST)
UP Panchayat Elections: बर्ड फ्लू ने महंगी कर दी चुनाव की तैयारी, जानें कैसे ?
बर्ड फ्लू के कारण पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्‍याशियों का खर्च बढ़ गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू के दहशत के बीच पंचायत चुनाव की आहट शुरू हो गई है। संभावित प्रत्याशी दिनभर जिला व ब्लाक मुख्यालय का चक्कर लगाने के बाद शाम को मतदाताओं को सहेजने के लिए दावतों को जाल बिछा रहे हैं। पंचायत चुनाव में दावत की पहचान बन चुके मांसाहारी व्यंजन अब संभावित प्रत्याशियों पर भारी पडऩे लगा है। मुर्गे में बर्ड फ्लू का खतरा मानते हुए दावतों में अब चिकन के बजाए मटन की मांग होने लगी है। संभावित प्रत्याशी इसलिए परेशान हैं क्योंकि मुर्गे एवं मटन के दाम में चार गुने का फर्क है। न तो वह दावतों का सिलसिला बंद कर सकते हैं और न ही मतदाताओं को नाराज करना चाहते हैं। 

संभावित प्रत्याशियों से मतदाता चिकन के बजाए मांग रहे मटन 

पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब नए संभावित प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। संभावित प्रत्याशी आरक्षण घोषित किये जाने का इंतजार कर रहे हैं। मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने की उम्मीद को देखते हुए गांवों में दावतों को दौर शुरू हो गया है। इसी बीच बर्ड फ्लू के अफवाह पर दावत में शामिल होने वालों ने चिकन के बजाए मटन खिलाने की मांग करने लगे हैं। चिकन व मटन के दामों में चार गुने का फर्क है। 

चिकन 120, मटन की कीमत 500 से 600 रुपए प्रतिकिलो

इस समय चिकन 120 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है तो मटन की कीमत 500 से 600 रुपए हैं। ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले से ही दावतों का दौर शुरू हो जाता है। संभावित प्रत्याशी अपने-अपने लोगों को दावत देते हैं और वे उनके लिए माहौल बनाते हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता है दावत में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ती जाती है। अगर बर्ड फ्लू का खौफ ऐसे ही तारी रहा तो प्रत्याशियों को इस चुनाव में बड़ी धनराशि दावतों पर खर्च करना होगा।

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