Corona Vaccination In Gorakhpur: 12 लाख बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की तैयारी शुरू, अगस्त में आ सकती है वैक्सीन
Corona Vaccination In Gorakhpur विभाग की नजर छह से 18 साल तक के लगभग 12 लाख बच्चों व किशोरों पर है। इनके लिए अगस्त-सितंबर में वैक्सीन आने की उम्मीद को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। ताकि कम समय में अधिक से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा सके।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के पुन: लौटने की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। विशेषज्ञों ने आगामी लहर में ब'चों के प्रभावित होने की आशंका जताई है, इसलिए विभाग की नजर छह से 18 साल तक के लगभग 12 लाख बच्चों व किशोरों पर है। इनके लिए अगस्त-सितंबर में वैक्सीन आने की उम्मीद को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। ताकि कम समय में अधिक से अधिक ब'चों को टीका लगाया जा सके। क्योंकि सितंबर में ही कोरोना के लौटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
अलग बूथ बनाकर बच्चों को लगाया जाएगा टीका
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि बच्चों के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। यदि अगस्त में वैक्सीन आ गई तो छह से 18 वर्ष के बीच के बच्चों व किशोरों के लिए अलग बूथ बनाकर टीकाकरण किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि जिले में शून्य से 18 वर्ष के लगभग 18 लाख बच्चे व किशोर हैं। इनमें छह साल के बच्चों से लेकर 18 साल के किशोरों की संख्या लगभग 12 लाख है।
सर्वर डाउन होने से दो घंटे तक प्रभावित रहा टीकाकरण
कोविड टीकाकरण अभियान में शुक्रवार को सर्वर डाउन होने से दिक्कतें आईं। करीब दो घंटे टीकाकरण ठप रहा। इस दौरान अनेक जगहों पर हंगामा, शोरगुल व प्रदर्शन भी हुआ। कहीं शारीरिक दूरी का पालन होता नहीं दिखा। दोपहर बाद 1.15 बजे कनेक्टिविटी गायब हुई जो 2.15 बजे के बाद वापस आई। इसके बाद टीकाकरण शुरू हो पाया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कनेक्टिवटी लगभग एक घंटे ही प्रभावित रही। इस दौरान भी उन लोगों का टीकाकरण किया जाता रहा, जो आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर आए थे।
सुबह टीकाकरण शुरू हुआ। बूथों पर उसके पहले लंबी लाइन लग गई थी। 21420 लोगों को टीका लगाया गया। इसमें 18166 को पहली व 3254 को दूसरी डोज दी गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने बताया कि सर्वर डाउन होने से थोड़ी दिक्कतें आई थीं, लेकिन बहुत ज्यादा टीकाकरण प्रभावित नहीं हुआ। लोगों को टीका लगाकर उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर नोट कर लिया गया, जिसे शाम को पोर्टल पर चढ़ा दिया गया। इसके लिए हमारी टीमों को आधा घंटा ज्यादा काम करना पड़ा।