Oxygen in Gorakhpur: गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्‍सीजन प्‍लांट लगाने की तैयारी, अहमदाबाद से आ रही मशीन

कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ सबसे ज्यादा कमी आक्सीजन की हुई है। इसे देखते हुए एचयूआरएल प्रबंधन ने पिछले महीने आक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था। मंजूरी के बाद प्रबंधन ने अहमदाबाद की कंपनी के खाते में पैसे भेज दिए। वहां से मशीन चल चुकी है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 12:36 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 06:08 PM (IST)
Oxygen in Gorakhpur: गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्‍सीजन प्‍लांट लगाने की तैयारी, अहमदाबाद से आ रही मशीन
मेडिकल कालेज का कोविड अस्‍पताल का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। आक्सीजन की कमी दूर करने के लिए हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड एचयूआरएल एक और प्लांट लगवाएगा। कुछ दिनों पहले एचयूआरएल ने कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर के तहत एक आक्सीजन प्लांट लगाने को मंजूरी दी थी। वह प्लांट एयरफोर्स के पास स्थित सौ बेड के टीबी अस्पताल परिसर में लगाया जाएगा। टीबी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। दूसरा प्लांट बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में लगाए जाने की संभावना है। इसके लिए एचयूआरएल प्रबंधन जिला प्रशासन से बात कर रहा है।

कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ सबसे ज्यादा कमी आक्सीजन की हुई है। काफी प्रयास के बाद भी आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इसे देखते हुए एचयूआरएल प्रबंधन ने पिछले महीने आक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था। मंजूरी मिलने के बाद प्रबंधन ने अहमदाबाद की कंपनी के खाते में 64 लाख रुपये भेज दिए। वहां से मशीन भेजी जा चुकी है।

144 सिलेंडर में भरी जाएगी आक्सीजन

एचयूआरएल की ओर से लगाए जाने वाले दो प्लांट में 24 घंटे में 144 सिलेंडरों में आक्सीजन भरा जा सकेगा। यह प्लांट 24 घंटे संचालित होंगे और बहुत कम जगह में इनको स्थापित किया जा सकेगा।

एक हजार लीटर आक्सीजन भी स्टोर रहेगी

एचयूआरएल की ओर से लगाए जा रहे प्लांटों में एक-एक हजार लीटर लिक्विड आक्सीजन को स्टोर भी किया जाएगा। इससे आक्सीजन की उपलब्धता में कमी नहीं होने पाएगी।

इसी महीने शुरू होगा आक्सीजन का उत्पादन

एचयूआरएल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके दीक्षित और सीनियर मैनेजर सुबोध दीक्षित ने कहा कि आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए प्रबंधन ने गोरखपुर में एक साथ दो प्लांट लगाने को मंजूरी दी है। कंपनी को रुपये दे दिए गए हैं। कंपनी ने मशीन भेज दी है। जल्द ही मशीन गोरखपुर आ जाएगी। इसी महीने आक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

chat bot
आपका साथी