सैकड़ों अवैध न‍िर्माण ध्‍वस्‍त करने की तैयारी, अतिक्रमण को चिन्हित करने को बनी कमेटी

गोरखपुर के गोड़धोइया नाले पर अतिक्रमण चिन्हित करने एवं इसके बहाव को अवरुद्ध करने वाले कारकों की जांच के लिए मंडलायुक्त ने वरिष्ठ अधिकारियों की छह सदस्यीय कमेटी गठित की है। टीम की ओर से की जाने वाली जांच की नियमित निगरानी की जिम्मेदारी जीडीए उपाध्यक्ष को दी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 12:30 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 01:33 PM (IST)
सैकड़ों अवैध न‍िर्माण ध्‍वस्‍त करने की तैयारी, अतिक्रमण को चिन्हित करने को बनी कमेटी
गोरखपुर के गोड़धोइया नाले पर हुए अत‍िक्रमण को तोड़ने के ल‍िए कमेटी बनाई गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर के कई मोहल्लों से जल निकासी के लिए महत्वपूर्ण प्राकृति गोड़धोइया नाले की सफाई एवं अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। नाले पर अतिक्रमण चिन्हित करने एवं इसके बहाव को अवरुद्ध करने वाले कारकों की जांच के लिए मंडलायुक्त ने वरिष्ठ अधिकारियों की छह सदस्यीय कमेटी गठित की है।

इस कमेटी में एसडीएम, तहसीलदार के साथ ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए), नगर निगम, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एवं जल निगम के अधीक्षण अभियंता भी शामिल होंगे। मंडलायुक्त ने इन विभागों के अधिकारियों के साथ बुधवार को जीडीए सभागार में बैठक भी की। 15 दिन में इस कमेटी को सभी कारकों को चिन्हित करते हुए नाले को इसके प्राकृतिक स्वरूप में दोबारा लाने को लेकर उपाय सुझाने होंगे। इस कार्ययोजना पर आने वाले खर्च का अनुमान भी इस टीम की ओर से लगाया जाएगा। टीम की ओर से की जाने वाली जांच की नियमित निगरानी की जिम्मेदारी जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह को दी गई है। टीम को 15 दिनों के भीतर अंतिम रिपोर्ट मंडलायुक्त को देनी होगी।

मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने गठित की समिति, जीडीए उपाध्यक्ष करेंगे निगरानी

महानगर के कई कालोनियों का पानी गोड़धोइया नाला से होकर बहता है। इसमें शिल्ट जमा होने एवं अतिक्रमण के कारण बरसात का पानी समुचित तरीके से नहीं निकल पा रहा है। गोरखपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोड़धोइया नाले से अतिक्रमण हटाकर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा था। विभागों के बीच सामंजस्य की कमी न आए, इसलिए सभी संबंधित विभागों को इसके लिए गठित कमेटी में शामिल किया गया है।

एसडीएम सदर के साथ जीडीए, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम के मुख्य अभियंता टीम में हैं शामिल

टीम में शामिल जीडीए के मुख्य अभियंता पीपी सिंह, नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एवं जल निगम के अधीक्षण अभियंता मिलकर बहाव के अवरोधों को चिन्हित करेंगे और इसका समाधान तलाशेंगे। संभावना जताई जा रही है कि नाले के आसपास की कुछ जमीन कुछ लोगों के नाम हो सकती है। इसे चिन्हित करने के लिए ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीणा एवं तहसीलदार सदर लालजी विश्वकर्मा को भी कमेटी में शामिल किया गया है।

प्राकृतिक गोड़धोइया नाला शहर की कई कालोनियों से जलनिकासी के लिए महत्वपूर्ण है। इसपर अतिक्रमण की आशंका है। कई स्थानों पर बहाव भी बाधित है। अतिक्रमण एवं बहाव बाधित होने के कारकों का पता लगाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की समिति गठित की गई है। समिति को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। - रवि कुमार एनजी, मंडलायुक्त।

अधिकारियों ने किया जल जमाव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण

सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव, अपर नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता ने सिंघड़िया, वसुंधरा नगर, सरयूनहर कालोनी एवं गोकुलपुरम का निरीक्षण कर जल जमाव की स्थिति देखी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लोगों के आवागमन एवं अन्य समस्याओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने कहा कि संबंधित विभाग के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई जाएगी और इन मोहल्लों को जल जमाव से मुक्त किया जाएगा।

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