World Physiotherapy Day 2021: हो रही थी आपरेशन की तैयारी, फिजियोथेरेपी से 21 रुपये में ठीक हो गई बीमारी
World Physiotherapy day 2021 गोरखपुर की सुनीता देवी की कोहनी की हड्डी टूट गई थी। डाक्टरों ने प्लास्टर लगाया। प्लास्टर काटने के बाद भी उनका हाथ सीधा नहीं हो रहा था। एक्सरे में पता चला कि रेडियस बोन के हेड का एक टुकड़ा टूटकर जोड़ में फंसा हुआ है।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। World Physiotherapy Day 2021: जिस बीमारी के लिए डाक्टरों ने आपरेशन की जरूरत बताई थी, उसे फिजियोथेरेपी ने बिना आपरेशन ही ठीक कर दिया। बैंक रोड की 45 वर्षीय सुनीता देवी की कोहनी की हड्डी टूट गई थी। डाक्टरों ने प्लास्टर लगाया। प्लास्टर काटने के बाद भी उनका हाथ सीधा नहीं हो रहा था। एक्सरे में पता चला कि रेडियस बोन के हेड का एक टुकड़ा टूटकर जोड़ में फंसा हुआ है। डाक्टरों ने उन्हें आपरेशन कराने की सलाह दी। इसमें 20-25 हजार रुपये का खर्च था। उन्होंने जिला अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग से संपर्क किया। फिजियोथरेपिस्ट डा. रविन्द्र ओझा के प्रयास से मात्र एक सप्ताह में उनकी कोहनी काम करने लगी। वहां उनका तीन रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च हुआ। इस तरह 25 हजार की जगह मात्र 21 रुपये में बीमारी ठीक हो गई।
महिला की कोहनी के जोड़ में फंस गया था हड्डी का टुकड़ा
डा. रविन्द्र ओझा ने बताया कि रेडियस बोन के हेड का एक छोटा टुकड़ा कोहनी के जोड़ में फंस गया था। एल्बो मोबिलाइजेशन एक्सरसाइज से वह अपनी जगह जाकर फिट हो गया। फिजियोथेरेपी के साथ ही जकडऩ व दर्द खत्म करने के लिए अल्ट्रासोनिक मशीन से सेंकाई की गई। एक सप्ताह में ही उनका हाथ पूरी तरह खुलने लगा और दर्द से राहत मिल गई। एक्सरे कराया गया तो सब सामान्य था। अब उनकी कोहनी पूरी तरह ठीक हो गई है। सुनीता देवी ने बताया कि अब उनकी बीमारी ठीक हो गई है। हाथ पूरी तरह मुड़ रहा है और सीधा हो रहा है। फिजियोथेरेपी से मात्र एक सप्ताह में ही राहत मिल गई। ऐसे ही अनेक मरीजों को फिजियोथेरेपी ने राहत पहुंचाई है। पादरी बाजार की 48 वर्षीय आज्ञा गुप्ता को टेनिस एल्बो (कोहनी में तेज दर्द) व बशारतपुर के 57 वर्षीय शैलेश द्विवेदी पोस्ट कोविड सिंंड्रोम से परेशान थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। उन्हें भी फिजियोथेरपी से आराम मिल गया।
फिजियोथेरेपी में मरीजों को एक्सरसाइज कराई जाती है। साथ ही जकडऩ व दर्द के लिए अल्ट्रासोनिक मशीन से सेंकाई की जाती है। कोई दवा नहीं दी जाती। इसलिए इस थेरेपी का कोई साइट इफेक्ट नहीं है। जिला अस्पताल में इस थेरेपी से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिली है। - डा. रविन्द्र ओझा, फिजियोथेरेपिस्ट, जिला अस्पताल।
जटिल रोगों में कारगर साबित हो रही फिजियोथेरेपी
जटिल रोगों से निजात दिलाने में फिजियोथेरेपी रामबाण साबित हो रही है। इस थेरेपी के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ रहा है और दवाइयों पर निर्भरता कम हो रही है। इस थेरेपी में कोई दवा नहीं खानी होती है, केवल एक्सरसाइज व मशीन से सेंकाई के जरिये मरीजों को राहत मिल जाती है। इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। इस थेरेपी ने पोस्ट कोविड ङ्क्षसड्रोम से ग्रसित मरीजों को भी बड़ी राहत पहुंचाई है। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल आठ सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है।
फिजियोथेरेपिस्ट डा. डीके दुबे ने बताया कि सांस फूलने की समस्या में चेस्ट फिजियोथेरी दी जाती है, इसका एक ग्रुप होता है। इसमें पास्युरल ड्रेनेज, चेस्ट परक्यूजन, चेस्ट वाइब्रेशन, टर्निंग, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज जैसी कई थेरेपी शामिल होती हैं। इनसे फेफड़ों में जमा बलगम बाहर निकालने में मदद मिलती है। मांसपेशियों, जोड़ों, हड्डियों-नसों के दर्द या सुन्न हो चुके या हो रहे शरीर के हिस्से का इलाज इस थेरेपी से संभव है।
फिजियोथेरेपिस्ट डा. देवेज्य श्रीवास्तव ने बताया कि मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, लंबे समय तक एसी में बैठना, पीठ, कमर, गर्दन, कंधे व घुटने के दर्द में इससे आराम मिलता है। जोड़ों का दर्द, हार्मोनल बदलाव, पेट से जुड़ी समस्याएं भी इससे ठीक होती हैं। खेलकूद की चोटें, आपरेशन से जुड़ी समस्याएं, मांसपेशियों का खिंचाव व उनकी कमजोरी, नसों का दर्द व अनिद्रा में भी फिजियोथेरेपी अपनाई जा सकती है।