Gorakhpur coronavirus: गोरखपुर में निगेटिव रिपोर्ट वाले बच्चों के लिए जाएंगे नमूने, सीरो सर्वे के लिए बनाई गई 10 टीमें
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई है। इसलिए इस बार के सीरो सर्वे में बच्चों के भी नमूने लिए जा सकते हैं। ताकि उनमें एंटीबाडी का पता लगाया जा सके।
गोरखपुर, जेएनएन। शासन के निर्देश पर जिले में सीरो सर्वे की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके लिए 10 टीमें बनाई गई हैं। कोरोना की एंटीबाडी जांच के लिए विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के नमूने लिए जाएंगे। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में इसकी जांच कर पता लगाया जाएगा कि कितने फीसद लोगों में एंटीबाडी बनी है। एंटीबाडी बनने का मतलब है कि वे कोरोना संक्रमित हुए थे लेकिन लक्षण न आने से पता नहीं चला।
निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों के लिए जाएंगे नमूने
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई है। इसलिए इस बार के सीरो सर्वे में बच्चों के भी नमूने लिए जा सकते हैं। ताकि उनमें एंटीबाडी का पता लगाया जा सके और उसी हिसाब से तीसरी लहर को रोकने की तैयारी की जा सके। नमूने उन्हीं के लिए जाएंगे, जिन्होंने कोरोना की जांच नहीं कराई है या रिपोर्ट निगेटिव आई है। क्योंकि इस बार लक्षण होने के बाद भी अनेक लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह सर्वे कोरोना की तीसरी लहर आने के पूर्व पूरा कर लिया जाएगा।
कल से हो सकती है आनलाइन ट्रेनिंग
सीरो सर्वे के लिए 10 टीमें बनाकर उनके नाम शासन को भेज दिए गए हैं। एक जून से उन्हें आनलाइन ट्रेनिंग दी जा सकती है। नमूने कैसे लेने हैं, क्या सतर्कता बरतनी है, आदि के बारे में बताया जाएगा। जून के पहले सप्ताह में ही सीरो सर्वे शुरू कर दिया जाएगा।
कलस्टर बनाकर लिए जाएंगे नमूने
हर टीम में एक-एक डाक्टर, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, एएनएम व आशा शामिल की गई हैं। टीमें अपने क्षेत्र में छह-छह घरों के चार-चार कलस्टर बनाएंगी। हर घर से एक-एक सदस्य का नमूना लिया जाएगा। उनकी उम्र 18 से 59 वर्ष के बीच होगी। इसके अलावा बच्चों के भी नमूने लिए जा सकते हैं।
क्या है सीरो सर्वे
क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के वायरोलाजिस्ट डा. अशोक पांडेय ने बताया कि सीरो सर्वे या सर्विलांस के जरिये लोगों में किसी वायरस की एंटीबाडी का पता लगाने की कोशिश की जाती है। इसमें खून के सीरम की जांच होती है। यदि एंटीबाडी मिलती है तो स्पष्ट हो जाता है कि वह व्यक्ति संबंधित वायरस से प्रभावित रहा है।
पिछली बार 21 फीसद लोगों में मिली थी एंटीबाडी
कोरोना की पहली लहर के दौरान पिछले साल सितंबर में सीरो सर्वे के किया गया था। 1408 लोगों के नमूने लिए गए थे। इनमें से 21 फीसद लोगों में एंटीबाडी मिली थी। पिछली बार भी 10 टीमें बनाई गई थीं।