बर्ड फ्लू से ज्यादा अफवाहों से परेशान हैं पोल्ट्री फार्म संचालक
इंटरनेट मीडिया पर बर्ड फ्लू को लेकर हो रही बातों से कारोबार पर असर पड़ रहा है। पोल्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए हर्बल दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू के खतरे के बीच पोल्ट्री फार्म संचालक मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। जिले में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कड़े एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। हर्बल दवाओं के डोज से उनमें रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ाई जा रही है। वायरल बीमारियों से बचाव के लिए पोल्ट्री फार्म में लोगों की आवाजाही भी प्रतिबंधित की गई है।
कर रहे हर्लल दवाओं का इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद सहमे पोल्ट्री फार्म संचालक वैक्सीनेशन के अलावा मुर्गे-मुर्गियों को वायरल बीमारियों से बचाने के लिए हर्बल दवाओं को कवच के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। मुर्गे-मुॢगयों में सबसे अधिक होने वाली रानी खेत बीमारी पर खास नजर रखी जा रही है। लगभग सभी पोल्ट्री फार्मर टीकाकरण भी करा रहे हैं और रोग प्रतिरोधक ताकत बढ़ाने के लिए हर्बल दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। बीमारी बढऩे की स्थिति में ही एंटीबायोटिक देते हैं। पोल्ट्री फार्मर बीमारी से ज्यादा अफवाहों से परेशान हैं।
इंटरनेट मीडिया से हो रहा दुष्प्रचार
इंटरनेट मीडिया पर बर्ड फ्लू को लेकर हो रही बातों से कारोबार पर असर पड़ रहा है, लेकिन अभी घाटे की नौबत नहीं आई है। पोल्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए हर्बल दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। लगाम को किए गए उपायों का असर ये है कि कई साल से यह बीमारी पूरी तरह से नियंत्रित है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. डीके शर्मा के अनुसार सरकारी योजनाओं के अंतर्गत संचालित 70 तथा निजी तौर पर चलाये जा रहे 125 पोल्ट्री फार्म में अभी कही से भी मुर्गे-मुर्गियों के बीमार होने की सूचना नहीं है। पोल्ट्री फार्मर भी जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए पोल्ट्री फार्म का संचालन कर रहे हैं।