आलू-प्याज सस्ती तो मूंगफली हुई बेलगाम, 200 रुपये किलो तक पहुंचा दाम Gorakhpur News
पिछले साल नवंबर-दिसंबर में मूंगफली 120 से 140 रुपये किलो थी जाे अब 200 रुपये तक पहुंच गई है। कारोबारियों की माने तो तेल के लिए होने वाली मूंगफली की मांग के कारण कीमत में गिरावट के आसार कम ही हैं।
गोरखपुर, काशिफ अली। सर्दी में गरीबों का मेवा कहे जाने वाले मूंगफली के दाम बेलगाम हो गए हैं। इसे खाने के लिए भाव सुनते ही पसीना छूट जा रहा है। यूं तो भूनी मूंगफली पूरे साल बिकती है, लेकिन जाड़े में इसकी मांग सौ गुना तक बढ़ जाती है। सिर्फ शहर में ही तीन सौ ज्यादा ठेलों पर शाम से लेकर देर रात तक गर्म मूूंगफली बिकती दिखाई पड़ती है, लेकिन आवक कम और मांग ज्यादा होने की वजह से बिक्री-खपत का समीकरण बिगड़ चुका है।
पिछले साल इतनी थी कीमत
पिछले साल नवंबर-दिसंबर में मूंगफली 120 से 140 रुपये किलो थी जाे अब 200 रुपये तक पहुंच गई है। कारोबारियों की माने तो तेल के लिए होने वाली मूंगफली की मांग के कारण कीमत में गिरावट के आसार कम ही हैं।
दाम बढ़े तो कम हो गई मांग
शहर का कोई ऐसा चौक, तिराहा या गली-मोहल्ला नहीं होगा जहां मूंगफली न बिकती हो। मूंगफली के साथ चटनी और मिर्चे का आचार लोगों को खासा पसंद आता है। अनुमान के मुताबिक बीते वर्ष प्रतिदिन भूनी मूंगफली की करीब ढाई सौ क्विंटल की खपत थी, जो इस बार घटकर दौ सौ क्विंटल से भी कम रह गई है। इसकी वजह मूंगफली का महंगा होना है। ठेले वालों की बिक्री और मुनाफा दाेनों कम हो गया है। दाम मेें तेजी की वजह से थोक बाजार में मूंगफली 75 से लेकर 98 रुपये किलो तक है। इसमें से भी एक हिस्सा खराब निकल जाता है। छाटने के बाद उसे भुना जाता है। अच्छी मूंगफली 20 रुपये की सौ ग्राम मिल रही है।
कम हुआ मुनाफा
जाफरा बाजार के मूंगफली विक्रेता संदीप का कहना है कि पिछले साल तक प्रतिदिन 60 से 70 किलो बिक्री होती है, लेकिन इस बार 30 किलो बेचना भी मुश्किल हो जा रहा है। मुनाफा भी काफी कम हो गया है। मूंगफली की थोक कारोबारी रमेश कुमार की माने तो बाजार का रुख बता रहा है कि इस जाड़े में अब तक की सबसे महंगी मूंगफली बिक सकती है।