बच्चों पर पोस्ट कोविड बीमारियों का हमला, तीन दिन से ज्यादा बुखार रहे तो डाक्टर की राय लें
बच्चों में पोस्ट कोविड बीमारियों की शुरुआत बुखार से हो रही है। कई दिन बुखार बना रहता है। दवाओं से बुखार कम तो होता है लेकिन खत्म नहीं होता। इसके बाद अन्य लक्षण बढऩे लगते हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव बचे के हृदय पर पड़ रहा है।
गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। बांसगांव निवासी एक व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण हुआ था। परिवार की जांच में किसी और में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। इलाज के बाद वह ठीक भी हो गए। कुछ दिन पहले उनके आठ साल के बेटे को बुखार हुआ। स्वजन स्थानीय डाक्टर के पास लेकर गए तो उन्होंने वायरल फीवर की बात कहकर कुछ दवाएं दे दीं।
दवाओं के बाद भी बुखार नहीं उतरा और बच्चा सुस्त होने लगा तो स्वजन ने पांच दिन बाद शहर के एक डाक्टर को दिखाया। डाक्टर के इलाज से भी फायदा नहीं हुआ तो स्वजन उसे लेकर बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग पहुंचे। जांच में ब'चे में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआइएस-सी) की पुष्टि हुई। ब'चे के हृदय में सूजन थी, शरीर में रेशेज पड़ गए थे और आंख में भी खुजली हो रही थी।
बच्चों में इससे पहले नहीं हुई थी कोरोना की पुष्टि पर स्वजन को हुआ था कोरोना
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में इस महीने 15 से ज्यादा बच्चे एमआइएस-सी के कारण भर्ती हो चुके हैं। कुछ गंभीर भी हुए। हालांकि डाक्टरों ने वक्त पर इलाज कर उन्हें ठीक कर दिया है। इन बच्चों में कभी कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। कोरोना संक्रमण की लहर के दौरान इनको हल्का बुखार, खांसी के लक्षण थे लेकिन वह घर पर ही ठीक हो गए थे। ठीक हो जाने के कारण स्वजन ने ब'चों के इलाज पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया।
कई दिन रहता है बुखार
बच्चों में पोस्ट कोविड बीमारियों की शुरुआत बुखार से हो रही है। कई दिन बुखार बना रहता है। दवाओं से बुखार कम तो होता है लेकिन खत्म नहीं होता। इसके बाद अन्य लक्षण बढऩे लगते हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव ब'चे के हृदय पर पड़ रहा है। बेहोशी के भी लक्षण आने लग रहे हैं।
बच्चे में यह लक्षण तो सतर्क हो जाएं
कई दिन तक बुखार रहना, अचानक 102-104 डिग्री फारेनहाइट तक बुखार पहुंचना
बच्चे का सुस्त होना और बेहोशी जैसी स्थिति होना
बुखार के कारण झटके आ जाना
पेट में दर्द होना, शरीर में इंफेक्शन, त्वचा पर रेशेज पडऩा
उल्टी होना, आंख लाल होना
यह करें
बचे को तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा दें।
ताजा और पौष्टिक आहार दें।
बुखार को नजरअंदाज न करें, झोला छाप की जगह विशेषज्ञ के पास जाएं।
एमआइएस-सी के मामले बढ़े हैं। ज्यादातर बच्चे खुद संक्रमित नहीं हुए थे लेकिन कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए थे। समय से इलाज मिलने पर बच्चे तेजी से ठीक हो रहे हैं। बुखार के साथ अन्य दिक्कतें हों तो जरूर विशेषज्ञ डाक्टर के पास जाना चाहिए। - डा. अनीता मेहता, विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग, बाबा राघवदास मेडिकल कालेज।
ओपीडी में कुछ ब'चे कई दिन से बुखार, पेट दर्द, आंख में लालीपन की समस्या के साथ आ रहे हैं। ब'चों में सुस्ती दिख रही है। यह पोस्ट कोविड दिक्कतों का लक्षण है। सही उपचार जरूरी है। ब'चों के खानपान पर स्वजन को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। बुखार को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। - डा. दिनेश चंद्रा, बाल रोग विशेषज्ञ।