गोरखपुर के गांवों से पालिथीन एवं एलईडी बल्ब होगा एकत्रित, तीन हजार सफाई कर्मचारियों की लगी ड्यूटी
नष्ट न होने वाला कूड़ा उठाने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हो गई। करीब 250 ग्राम पंचायतों में 60 बोरा कूड़ा एकत्रित किया गया। कल और कूड़ा भी एकत्रित करने की तैयारी है। इस कूड़े को रीसाइकिल करने के लिए कंपनियों से संपर्क किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों में कभी नष्ट न होने वाला कूड़ा भी भारी मात्रा में निकलता है। पालीथिन एवं एलईडी बल्ब आमतौर पर फेंके मिल जाते हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इस कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था भी की जा रही है। जिले के सभी सफाई कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे शुक्रवार व शनिवार को केवल पालीथिन एवं एलईडी बल्ब उठाएंगे और उसे बोरे में भरेंगे। एक सफाई कर्मी को तीन बोरा भरने को कहा गया है। यह कूड़ा एकत्रित करके उसे ब्लाकों पर रखा जाएगा और वहां से रीसाइकिल के लिए भेजा जाएगा।
250 ग्राम पंचायतों से 60 बोरा कूड़ा एकत्रित
नष्ट न होने वाला कूड़ा उठाने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हो गई। करीब 250 ग्राम पंचायतों में 60 बोरा कूड़ा एकत्रित किया गया। कल और कूड़ा भी एकत्रित करने की तैयारी है। इस कूड़े को रीसाइकिल करने के लिए कंपनियों से संपर्क किया जाएगा। छह रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से पंचायती राज विभाग को पैसा भी मिलेगा। इससे मिलने वाली धनराशि का उपयोग ग्राम पंचायतों के माध्यम से सफाई कार्य के लिए किया जाएगा।
ब्लाकों पर रखा है 200 बोरा कूड़ा
ब्लाकों पर ङ्क्षसगल यूूज प्लास्टिक से जुड़ा कूड़ा करीब 200 बोरा है। इसका वजन 200 कुंतल के आसपास है। यह कूड़ा काफी पहले एकत्रित कराया गया था। कंपनियों से बात कर इसकी रीसाइकिङ्क्षलग कराने को भी कहा गया था लेकिन कतिपय कारणों से रिसाइकिङ्क्षलग नहीं हो पाई। इस बार भी रीसाइकिङ्क्षलग कराने की तैयारी है। इसके लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के कुछ उद्यमियों से भी बातचीत की जाएगी। पंचायती राज विभाग की ओर से पालीथिन को अलग भी किया जाएगा। इसी तरह एलईडी बल्ब की भी रिसाइकिङ्क्षलग कराई जाएगी।
ब्लाकों पर रीसाइकिलिंग प्लांट लगाने की तैयारी
ब्लाकों पर भी रीसाइकिलिंग प्लांट लगाने की तैयारी है। शासन की ओर से पंचायती राज विभाग को इस संबंध में संकेत दिए गए हैं। नष्ट न होने वाला यह कूड़ा एकत्रित करने का अभियान शनिवार को भी जारी रहा। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पालिथीन, एलईडी बल्ब जैसी कई वस्तुएं हैं, जो उपयोग के बाद नष्ट नहीं होतीं। इन्हें उठाने के लिए अलग से दो दिन का अभियान चलाया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो इस अभियान को और आगे बढ़ाया जाएगा। इस कूड़े को ब्लाकों पर एकत्रित को रीसाइकिल कराया जाएगा। ब्लाकों पर रिसाइकिल प्लांट भी स्थापित किए जा सकते हैं।