Lockdown से छूट मिलते ही बढ़ गया प्रदूषण का लेवल Gorakhpur News

लॉकडाउन में जब गतिविधियां पूरी तरह लॉक थीं तो प्रदूषण का स्तर पूरी तरह नियंत्रित हो गया था। जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया गतिविधियां बढ़ती गईं उसी तरह प्रदूषण बढ़ता गया।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 04:27 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 08:09 AM (IST)
Lockdown से छूट मिलते ही बढ़ गया प्रदूषण का लेवल Gorakhpur News
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गोरखपुर, जेएनएन। विकास की अंधी दौड़ में पर्यावरण की दृष्टि से मनुष्य किस तरह अपने नुकसान की वजह खुद बन रहा है, इसका अंदाजा लॉकडाउन के दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) के आंकड़ों से आसानी से लगाया जा सकता है। आमतौर पर 150 से 200 माइक्रोग्राम घन मीटर के आसपास रहने वाले शहर का एक्यूआइ लॉकडाउन के दौरान 50 से 110 माइक्रोग्राम घन मीटर के बीच सिमटकर रह गया। यहां एक बात और गौर करने की है कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में जब गतिविधियां पूरी तरह लॉक थीं तो प्रदूषण का स्तर पूरी तरह नियंत्रित हो गया था। जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता गया, गतिविधियां बढ़ती गईं, साथ ही बढ़ता गया एक्यूआइ का स्तर। आंकड़े इस बढ़ोत्तरी के गवाह हैं।

चेताने वाले हैं लॉकडाउन एक से चार के बीच के एयर क्वालिटी इंडेक्स आंकड़े

पहले लॉकडाउन में जब गतिविधियां पूरी तरह बाधित कर दी गई थीं तो एक्यूआइ का औसत स्तर 88.02 माइक्रोग्राम घन मीटर तक पहुंच गया था। लॉकडाउन-2 में गतिविधियां बढ़ी तो यह आंकड़ा 100 तक पहुंच गया। लॉकडाउन-3 और 4 में थोड़ी और ढील मिली तो औसत आंकड़ा 100 के पार यानी 104 से 108 तक पहुंच गया। इस बीच 24 मई का आंकड़ा भी लोगों को सचेत करने वाला है, जब एकबारगी तेजी से गतिविधियां बढ़ीं तो एक्यूआइ 152 तक पहुंच गया।  मौसम विशेषज्ञ और पर्यावरणविद् कैलाश पांडेय ने बताया कि शहर में प्रदूषण का लेवल वाहनों के धुएं से बढ़ता है, चूंकि लॉकडाउन में वाहनों का आवागमन कम हो गया है, ऐसे में एक्यूआइ का स्तर भी नियंत्रित है। जैसे ही गतिविधियां बढ़ेंगी, फिर से पुरानी स्थिति बहाल हो जाएगी। एक्यूआइ का स्तर 100 माइक्रोग्राम घन मीटर से अधिक होना सांस के रोगियों के लिए तकलीफदेय होता है।

ऐसे बढ़ता गया एक्यूआइ का स्तर

लॉकडाउन-1 : 88.02

लॉकडाउन-2 : 100.5

लॉकडाउन-3 : 104.0

लॉकडाउन-4 : 108.0

एक्यूआइ सूचकांक और उसका परिणाम

0-50 : बहुत कम असर होता है, खतरा नहीं।

51-100 : बीमार लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत।

101-200 : ब'चों व बुजुर्गों में दिल और फेफड़ा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत।

201-300 : सभी लोगों को सांस लेने में कठिनाइयां शुरू होंगी।

301-400 : ज्यादातर लोग सांस की बीमारियों के घेरे में आ जाएंगे।

401-अधिक : हर स्वस्थ इंसान को सांस की बीमारी हो सकती है।

क्या है एक्यूआइ

एयर क्वालिटी इंडेक्स को वायु गुणवत्ता सूचकांक भी कहा जाता है। इसके जरिए हमें वायुमंडल और वातारण में मौजूद हवा की गुणवत्ता की जानकारी मिलती है। इसका आंकलन माइक्रो ग्राम क्यूब मीटर के आधार पर किया जाता है। 

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