पुलिस ने 13 स्‍थानों पर की छापामारी, दो आरोपितों के परिजन को पकड़ा

अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद देवरिया पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई। देर रात जहां टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई वहीं पूर्व विधान परिषद सदस्य रामू द्विवेदी के सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए पूरी रात पुलिस की छापेमारी चलती रही।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:12 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:37 PM (IST)
पुलिस ने 13 स्‍थानों पर की छापामारी, दो आरोपितों के परिजन को पकड़ा
पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिला अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष में ले जाते पुलिसकर्मी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद देवरिया पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई। देर रात जहां टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई, वहीं पूर्व विधान परिषद सदस्य रामू द्विवेदी के सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए पूरी रात पुलिस की छापेमारी चलती रही। तीन सहयोगियों को जहां पुलिस ने गिरफ्तार किया, वहीं दो आरोपितों के स्वजन को भी उठा लिया है। इसमें एक प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक भी शामिल है।

रामू की गिरफ्तारी के बाद कार्रवाई हुई तेज

पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक विपिन मलिक के नेतृत्व में प्राइवेट वाहन से चार टीमें रात में लखनऊ भेज दी गईं। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सोनकर को कोतवाली में भेज दिया। 11 बजे रात से ही अपर पुलिस अधीक्षक टीम का लोकेशन व कार्रवाई की जानकारी लेने लगे। जब पुलिस ने रामू को गिरफ्तार किया तो इसके बाद पुलिस की जिले में कार्रवाई तेज हो गई। रामू के सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए पूरे जनपद में पुलिस ने 13 स्थानों पर छापेमारी की। तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया तो दो के स्वजन को हिरासत में ले लिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई अभी आगे भी चलती रहेगी। माफिया के सहयोगियों की गिरफ्तारी हर हाल में होनी है।

शराब माफिया में होने लगी थी मनीष की गिनती

मनीष मिश्रा की गिनती 2017 से ही शराब माफिया में होने लगी थी। सुविखर स्थित एक पोल्ट्री फार्म में बड़े पैमाने पर नकली शराब बरामद की गई। इसके बाद सोंदा में भी नकली शराब पकड़े जाने के बाद इसका नाम आया था। पुलिस ने उसके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए थे। पुलिस को मनीष की महीनों से तलाश थी। कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार भी हो गया था।

जमीन की खरीद- फरोख्त में भी आने लगा था रामू का नाम

उत्तर प्रदेश के माफियाओं की सूची में शामिल पूर्व विधान परिषद सदस्य रामू 2015 से जमीन के खरीद-फरोख्त में शामिल हो गया था। वह देवरिया के कुछ अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जमीन के कारोबार में भी हिस्सा लेने लगा था। पुलिस रामू के सहयोगी रहे लोगों की भी अब कुंडली खंगालने लगी है। इसके अलावा कई अन्य लोगों के मोबाइल काल डिटेल भी पुलिस खंगालने में जुटी हुई है। माफिया के सहयोगी रहे कुछ और लोगों को भी पुलिस जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है।

पुलिस की गाड़ी के आगे-पीछे चलते रहे सहयोगी

रामू के लखनऊ से पुलिस द्वारा उठाते ही लखनऊ से लेकर देवरिया तक के लोगों में इसकी जानकारी हो गई। रामू के कुछ सहयोगी तो चंद मिनट बाद ही पुलिस के गिरफ्तारी के सीसीटीवी फुटेज को ही वायरल कर दिया, ताकि पुलिस कोई और कदम न उठा सके। पांच फुटेज में देवरिया पुलिस की गिरफ्तारी व रामू के आवास से निकलने का पूरा सीन कैद है।

पुलिस के आगे पीछे चलने लगे रामू के गुर्गे

रामू को जब पुलिस देवरिया के लिए चली तो पुलिस के आगे-पीछे रामू के गुर्गे भी चलने लगे। रामपुर कारखाना थाने में पुलिस लाकर रामू को रखी तो गेट पर दर्जनों सहयोगी पहुंच गए। दोपहर को रामू को रामपुर कारखाना थानाध्यक्ष लेकर जिला अस्पताल के लिए निकले, तभी भी तीन लग्जरी गाड़‍ियां आगे-पीछे चल रही थीं। इसके अलावा कोतवाली, जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी रामू के लोगों की भीड़ लगी रही।

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