गोरखपुर के अधिकारियों ने कर दी थी राजनीति, तब हुआ बवाल और फूंक दी गई पुलिस चौकी
बूथवार मिले वोट की पीडीएफ दिखा रहे थे जिस पर निर्वाचन अधिकारी का हस्ताक्षर और मुहर लगा था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने गलती सुधारने की बजाय ध्यान ही नहीं दिया। उसके बाद लोग बेकाबू हो गए और पुलिस चौकी फूंक दी।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रशासन की गणित ने बुधवार को झंगहा क्षेत्र में बवाल करा दिया। वार्ड नंबर 60 और 61 से जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवार रवि निषाद और कोदई समर्थकों के साथ दोपहर से ही हारे हुए प्रत्याशी को प्रमाण पत्र देने का आरोप लगा प्रदर्शन करते रहे। प्रमाण के तौर पर बूथवार मिले वोट की पीडीएफ दिखा रहे थे जिस पर निर्वाचन अधिकारी का हस्ताक्षर और मुहर लगा था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने गलती सुधारने की बजाय ध्यान ही नहीं दिया। तीन घंटा धरना-प्रदर्शन करने के बाद भी किसी के न आने पर प्रत्याशी और उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने तोडफ़ोड और आगजनी शुरू कर दी।
सुबह से ही दे रहे थे प्रमाण
जिला पंचायत के वार्ड नंबर 60 से रवि निषाद, गोपाल यादव समेत 12 उम्मीदवार मैदान में थे।तीन मई को मतगणना पूर्ण होने पर चुनाव अधिकारी ने बूथवार मिले वोट को जोडऩे के बाद परिणाम जारी किया।जिसमें 6650 वोट पाने वाले गोपाल यादव को विजेता घोषित कर दिया गया।जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजी गई पीडीएफ फाइल में बताया गया कि रवि निषाद को कुल 6538 मत मिले हैं। बुधवार की सुबह पीडीएफ फाइल मिलने के बाद रवि के समर्थक सड़क पर आ गए। उनका आरोप था कि बूथवार मिले वोट जोडऩे पर 8616 वोट हो रहा है। गोपाल यादव ने 1900 से ज्यादा वोट मिलने के बाद भी उन्हें हरा दिया गया। यहीं आरोप वार्ड नंबर 61 से चुनाव लडऩे वाले कोदई साहनी का भी था। उनका कहना था कि कुल 4425 वोट मिले हैं लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने टोटल वोट 3186 बताते हुए 3812 मत पाने वाले रमेश यादव उर्फ गब्बर को विजेता घोषित कर दिया है।पीडीएफ सामने आने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए।देर रात अफसर गड़बड़ी को सुधारने में लगे रहे।