लंबे समय से लंबित विवेचनाओं का निस्तारण करेंगे पुलिस अफसर
लंबे समय से लंबित जालसाजी हत्या लूट के मामलों से लगातार पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। इसके निस्तारण के लिए एडीजी ने जोन के सभी पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया है कि वह लंबे समय से लंबित विवेचनाओं की सूची तैयार कर लें।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जोन में लंबे समय से लंबित मामलों की विवेचना अब पुलिस अफसर करेंगे। एडीजी अखिल कुमार ने इसके लिए आपरेशन तफ्तीश चलाए जाने का आदेश जारी किया है। जोन के प्रत्येक जिले में इसके लिए तीन श्रेणी में सूचनाएं तैयार कराई जा रही है। लंबित मामलों की सूची तीन माह से कम, छह माह से कम और छह माह से अधिक लेकिन दो वर्ष से कम के क्रम में तैयार कराई जा रही है।
पुलिस भूमिका पर उठ रहे सवाल
लंबे समय से लंबित जालसाजी, हत्या, लूट के मामलों से लगातार पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। इसके निस्तारण के लिए एडीजी ने जोन के सभी पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया है कि वह अपने अपने जिले में लंबे समय से लंबित विवेचनाओं की सूची तैयार कर लें। इन विवेचनाओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण हो। ताकि लोगों को त्वरित न्याय मिल सगे। एडीजी ने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचनाओं का शीघ्र निस्तारण न होने से लोगों का पुलिस पर भरोसा कम होता है। पीडि़त अधिकारियों के यहां चक्कर लगाकर परेशान होता है। यह स्थिति न आए, इसके लिए सभी पुलिस अधिकारियों को ध्यान देना होगा।
आपरेशन तफतीश के तहत होगा निस्तारण
अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने कहा कि आपरेशन तफ्तीश के तहत पुराने लंबित मामलों के निस्तारण के निर्देश दिये गए हैं। हर जिले में इसकी शुरुआत भी हो गई है। इसकी समय-समय पर जांच भी की जाएगी। पीडि़तों को इससे राहत मिलेगी।
गोरखपुर में सर्वाधिक मामले लंबित
छह माह से अधिक और दो वर्ष कम समय के लंबित मामले में गोरखपुर जनपद पहले स्थान पर है। वहीं श्रावस्ती में सबसे कम मामले हैं। गोरखपुर में कुल 992 माममले लंबित हैं। वहीं देवरिया में 41, कुशीनगर में 256, महराजगंज में 55, बस्ती में 37, संतकबीरनगर में 31, सिद्धार्थनगर में 21, गोंडा में 34, बलरामपुर में 26, बहराइच में 54 और श्रावस्ती में 15 मामले लंबित हैं। इस तरह से जोन में कुल 1562 मामले लंबित हैं।