संगीन धाराओं के 25 मुकदमों में पुलिस की पैरवी तेज

एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार ने संगीन मामलों के लंबित मुकदमों को निस्तारित करने की रणनीति बनाई है। शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से इसमें जिरह व बहस कराने की तैयारी करने के लिए संबंधित विवेचक को निर्देशित किया है। गवाहों को भी बुलाया जा रहा है। सभी प्रपत्रों को एकत्र किया जा रहा है। वादी से पुलिस संवाद भी स्थापित कर रही है। साप्ताहिक बैठक भी हो रही है। इनकी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। संबंधित हल्का दारोगा व बीट सिपाही को इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 06:27 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 06:27 PM (IST)
संगीन धाराओं के 25 मुकदमों में पुलिस की पैरवी तेज
संगीन धाराओं के 25 मुकदमों में पुलिस की पैरवी तेज

सिद्धार्थनगर : पुलिस ने आपरेशन शिकंजा चलाया है। इसमें अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की रणनीति बनाई गई है। पुलिस लंबित मुकदमों में पैरवी करके आरोपितों को सजा दिलाने का काम कर रही है। ऐसे संगीन धाराओं के मुकदमों की लिस्ट तैयार की गई है, जो काफी दिनों से लंबित हैं। काफी खोजबीन के बाद ऐसे मुकदमों की संख्या 25 है। इनमें कुछ मामले एक दशक से ऊपर से चल रहे हैं। हत्या, दुष्कर्म, लूट, बलवा आदि जैसे संगीन अपराध के मामले शामिल हैं। चिन्हित मामलों में त्रिलोकपुर थाना के तीन, मिश्रौलिया, चिल्हिया, बांसी, इटवा व मोहाना के दो-दो, सदर, उसका बाजार, लोटन, कपिलवस्तु, शोहरतगढ़, ढेबरुआ, खेसरहा, जोगिया, डुमरियागंज, भवानीगंज, पथरा बाजार और गोल्हौरा का एक-एक मामला है। इनकी पैरवी के लिए एसपी, एएसपी, सभी सीओ व एसओ को नामित किया गया है। एक पखवारा के भीतर पुलिस ने तीन मामलों को निस्तारित कराया। जिसमें आरोपितों को सजा सुनाई गई है।

एडीजी गोरखपुर जोन अखिल कुमार ने संगीन मामलों के लंबित मुकदमों को निस्तारित करने की रणनीति बनाई है। शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से इसमें जिरह व बहस कराने की तैयारी करने के लिए संबंधित विवेचक को निर्देशित किया है। गवाहों को भी बुलाया जा रहा है। सभी प्रपत्रों को एकत्र किया जा रहा है। वादी से पुलिस संवाद भी स्थापित कर रही है। साप्ताहिक बैठक भी हो रही है। इनकी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। संबंधित हल्का दारोगा व बीट सिपाही को इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। गवाहों को बुलाने के लिए सात जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जा चुका है। इसमें ऐसे मामलों को चिन्हित किया गया, जो गवाहों के नहीं आने के कारण कई वर्ष से लंबित हैं। कई ऐसे पुलिस कर्मी हें, जो सेवानिवृत हो गए हैं, उनकी भी लोकेशन ली जा रही है। जनपद पुलिस ने वर्ष 2012 के एक मामले में गवाही के लिए हैदराबाद में रह रहे तत्कालीन सेवानिवृत्त निरीक्षक को गवाही के लिए बुलाया।

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हत्या व फिरौती के मामले में आएगा निर्णय

वर्ष 2014 में त्रिलोकपुर थाना में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या का मामला दर्ज हुआ था। एफटीसी प्रथम की अदालत में मुकदमा चल रहा है। मामले में तीन आरोपित नामजद है। पुलिस ने समय से आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। मामले में दस गवाहों का बयान होना था। अब पुलिस ने सभी गवाहों की गवाही पूरी करा दी है। न्यायालय ने फाइल को निर्णय सुनाने के लिए रखा है। 29 नवंबर को इस मामले में फैसला आने की संभावना है।

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पुलिस लंबित मुकदमों का जल्द निस्तारण कराने के लिए पैरवी कर रही है। लंबित मुकदमों की सूची तैयार कर ली गई है। राजपत्रित अधिकारी व थानाध्यक्ष को पैरवी करने के संबंध में जिम्मेदारी सौंपी गई है। आवश्यकता पड़ने पर गवाहों को भी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। एक पखवारा के भीतर तीन मामलों में फैसला आया है।

सुरेश चंद्र रावत, एएसपी

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