रोहिग्या के होने की संभावना पर हरकत में है पुलिस
बीते छह जनवरी को बखिरा थाना क्षेत्र से हुई थी रोहिग्या अजीजुल्लाह की गिरफ्तारी
संतकबीर नगर : जिले में फिर एक बार रोहिग्या के होने की संभावना पर पुलिस ने काम शुरू कर दिया है। जनपद के कुछ विशेष इलाके में खुफिया विभाग के साथ ही पुलिस के मुखबिर लगाए गए हैं। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के संभावना व्यक्त करने पर पुलिस हरकत में आ गई है। हालांकि अधिकारी अभी कुछ भी कहने से इन्कार कर रहे हैं।
बीते छह जनवरी को यूपी एटीएस की टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संतकबीर नगर से म्यांमार के रहने वाले अजीजुल हक उर्फ अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था। वह पहचान बदलकर न सिर्फ यहां रह रहा था, बल्कि फर्जी तरीके से मूल दस्तावेज भी बनवा लिया था। उसके पास से दो भारतीय पासपोर्ट, तीन आधार कार्ड, पैनकार्ड, तीन डेबिट कार्ड, राशन कार्ड और पांच बैंकों की पासबुक बरामद किया गया था। गाजियाबाद में पकड़े गए रोहिग्या से पूछताछ के बाद संभावना जताई जा रही है कि कुछ लोग संतकबीर नगर में भी छुपे हो सकते हैं। संतकबीर नगर का जेई अब्दुल मन्नान अभी है जेल में
यूपी एटीएस ने रोहिग्या अजीजुल्लाह की मदद के आरोप में खलीलाबाद ब्लाक में तैनात जेई अब्दुल मन्नान को हिरासत में ले लिया था। इसके अलावा छह संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ हुआ था। अब्दुल मन्नान ही अजीजुल्लाह का फर्जी दस्तावेज तैयार कराया था। इसके साथ ही उसका संबंध टेरर फंडिग से भी था। अब्दुल फिलहाल लखनऊ जेल में बंद है। फर्जी पासपोर्ट पर दुबई से वापस आ चुका था अजीजुल्लाह
अजीजुल्लाह मूल रूप से म्यांमार का रहने वाला है. वह 2001 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था। मुंबई में उसकी मुलाकात बखिरा के रहने वाले बदरे आलम के बेटे इनायत उल्लाह से हुई थी। अजीजुल्लाह ने खुद को अनाथ बताया था। बाद में बदरे आलम ने उसका नाम अपने राशन कार्ड पर दर्ज करवा दिया था। इसकी मदद से ही उसने अन्य दस्तावेज, पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवाया था। जनपद में रोहिग्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पुलिस हर वक्त संदिग्धों की जांच करती है। चूंकि जनपद में पूर्व में कुछ संदिग्ध पकड़े गए हैं, इसलिए पुलिस इस पर निगाह रखे है। फिलहाल अभी कोई ऐसा मामला नहीं है।
संतोष कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक