Manish Gupta Murder Case: पुल‍िस ने पहले ही ल‍िख ली थी गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट, तय था म‍िनट टू म‍िनट

मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड में फरार इनामी दारोगा राहुल दूबे और सिपाही प्रशांत यादव को गिरफ्तार करने की स्क्रिप्ट मंगलवार सुबह से ही तैयार की जा रही थी। दोनों के पकड़े जाने की चर्चा सोमवार रात से ही शुरू हो गई लेकिन अधिकारी इन्कार करते रहे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 01:33 PM (IST)
Manish Gupta Murder Case: पुल‍िस ने पहले ही ल‍िख ली थी गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट, तय था म‍िनट टू म‍िनट
मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड में आरोप‍ियों की ग‍िरफ्तारी पूर्व न‍ियोज‍ित थी। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक-एक लाख रुपये के इनामी दारोगा राहुल दूबे और सिपाही प्रशांत यादव को गिरफ्तार करने की स्क्रिप्ट मंगलवार सुबह से ही तैयार की जा रही थी। दोनों के पकड़े जाने की चर्चा सोमवार रात से ही शुरू हो गई लेकिन अधिकारी इन्कार करते रहे। दोपहर बाद गिरफ्तारी की कहानी तय होने पर प्रेस नोट जारी कर मीडिया को जानकारी दी गई।

सुविधानुसार थाने में कराया मेडिकल, रात को ले गए कोर्ट

सोमवार की रात में सूचना मिली कि राहुल दूबे और प्रशांत को पकड़ लिया गया है।लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। मंगलवार की सुबह 11 बजे लखनऊ के पुलिस के अधिकारियों को खबर दी गई। उन्हें मैसेज करके बताया गय गोरखपुर केस के दो आरोपित पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया गया है। पूछताछ शुरू हुई तो एसएसपी के साथ ही एसआइटी कानपुर के अधिकारी जानकारी न होने की दलील देने लगे।लेकिन यह बात ज्यादा देर तक पची नहीं। दो आरोपितों के पकड़े जाने की खबर दोपहर तक पूरे शहर में फैल गई।

दोपहर बाद 3.30 बजे गोरखपुर पुलिस ने प्रेस नोट जारी करके हत्यारोपित दारोगा राहुल दूबे और सिपाही प्रशांत यादव के पकड़े जाने की सूचना दी। सूत्रों की माने तो गोरखपुर पुलिस ने इस मामले में पहले से तय स्क्रिप्ट के अनुसार कार्य किया।आराेपितों की इच्छानुसार दोपहर बाद गिरफ्तारी दिखाने के बाद थाने में ही मेडिकल कराया गया।पेशी के दौरान भीड़ से सामना न हो इसलिए रात को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया।

काम नहीं आया प्लान,पुराने थानेदारों ने बचाया सम्मान

हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए गोरखपुर और कानपुर पुलिस के अधिकारियों ने लंबा-चौड़ा प्लान तैयार किया।जिसके अनुसा भारी-भरकम टीम बनाकर आरोपितों के घर व रिश्तेदारों के यहां दबिश देने का दावा किया गया लेकिन परिणाम नहीं मिला। आखिरी में पुराने व भरोसेमंद थानेदारों की टीम को लगाया गया। जिसके बाद चार आरोपित गोरखपुर में ही पकड़ लिए गए।

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