गोरखपुर की सगी बहनों के अपहरण की कहानी पर यकीन नहीं कर पा रही पुलिस
पुलिस के मुताबिक दोनों बहनें खुद को गोरखपुर जिले के जैतपुर की निवासी बताती हैं। वह अपने पिता का नाम सुदर्शन बताती हैं लेकिन वह इससे अधिक कुछ भी नहीं बता पा रही हैं और ना ही वह अपने मौसी के घर का पूरा पता बता पा रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा कस्बे में 25 दिनों तक अपहर्ताओं के गिरफ्त में रहने वाली गोरखपुर की दो सगी बहनों की कहानी पर पुलिस यकीन नहीं कर पा रही है। बड़ी बहन 16 वर्ष की है तो छोटी बहन 12 वर्ष की। दोनों बहनों के मुताबिक वह गोरखपुर जिले के मूल निवासिनी हैं और कुछ माह पूर्व अपनी मौसी के यहां गई थीं। वहां से लौटते समय उन्हें किसी ने 25 दिनों तक बंधक बना रखा था। किसी तरह वह वहां से भाग कर आईं हैं, लेकिन पुलिस को ढंग से वह न ही अपने घर का पूरा पता बता पा रही हैं और न ही अपने मौसी के घर के बारे में ठीक से जानकारी दे पा रही हैं।
गोरखपुर में अपने घर का पता नहीं बता पा रहीं हैं बहनें
धौरहरा थाना पुलिस के मुताबिक दोनों बहनें खुद को गोरखपुर जिले के जैतपुर की निवासिनी बताती हैं। वह अपने पिता का नाम सुदर्शन बताती हैं, लेकिन वह इससे अधिक कुछ भी नहीं बता पा रही हैं और ना ही वह अपने मौसी के घर का पूरा पता बता पा रही हैं। ऐसे में पुलिस इनके स्वजन से संपर्क नहीं कर पा रही है। मजबूरी में दोनों बहनों को चाइल्ड लाइन के सौंपना पड़ा। गोरखपुर जिले के गीडा थाना क्षेत्र में जैतपुर कस्बा है, लेकिन अभी तक गीडा पुलिस के संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। ऐसे में बात समझ से परे है कि आखिर 16 वर्ष लड़की अपने घर का पूरा पता क्यों नहीं बता पा रही है। उनके पास अपने स्वजन का कोई नंबर भी नहीं है।
पुलिस ने दोनों बहनों को चाइल्ड लाइन की सुपुर्दगी में सौंपा
पुलिस ने इन दोनों बहनों लखीमपुरखीरी जिले के चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया है। धौरहरा थानाध्यक्ष विद्याशंकर पाल का कहना है कि दोनों बहनें अपहरण की जो कहानी बता रही हैं, उस पर यकीन करना कठिन हो रहा, लेकिन उसे झूठा भी नहीं माना जा सकता है। ऐसे में दोनों बहनों को चाइल्ड लाइन की सुपुर्द कर दिया गया है। चाइल्ड लाइन के लोग उनसे काउंसङ्क्षलग करके हो सकता है कुछ और जानने को मिले।