पीएम नरेंद्र मोदी अगले माह गोरखपुर में करेंगे रबर डैम का उद्घाटन
खाद कारखाना में पानी की आपूर्ति के लिए प्रबंधन ने पहले ही नगर निगम प्रशासन से करार किया है। इसके तहत खाद कारखाना प्रबंधन हर साल नगर निगम को 77 हजार 450 रुपये देगा। इसके एवज में खाद कारखाना प्रबंधन चिलुआताल के पानी का उपयोग करेगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रोहिन नदी में बाढ़ का पानी उतरेगा तो हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में बने रबर डैम में हवा भरी जाएगी। रबर डैम में हवा भरने के साथ ही खाद कारखाना परिसर में करोड़ों लीटर पानी इकट्ठा हो जाएगा। पानी को शुद्ध कर इसका इस्तेमाल नीम कोटेड यूरिया बनाने में किया जाएगा।
रोहिन नदी में बाढ़ के कारण रबर डैम से निकाल दी गई है हवा
खाद कारखाना में पानी की आपूर्ति के लिए प्रबंधन ने पहले ही नगर निगम प्रशासन से करार किया है। इसके तहत खाद कारखाना प्रबंधन हर साल नगर निगम को 77 हजार 450 रुपये देगा। इसके एवज में खाद कारखाना प्रबंधन चिलुआताल के पानी का उपयोग करेगा। तकरीबन डेढ़ साल पहले चिलुआताल की गहरी खोदाई भी कराई गई थी। इससे खाद कारखाना की तरफ काफी पानी इकट्ठा होता है। पानी की हमेशा उपलब्धता के लिए दक्षिणा कोरिया की तकनीक पर रबर डैम बनाया गया है।
एक-एक बूंद पानी का होगा इस्तेमाल
रबर डैम से खाद कारखाना में पानी की एक-एक बूंद का इस्तेमाल हो सकेगा। 65 मीटर लंबा और दो मीटर ऊंचा रबर डैम पूरी तरह बुलेट प्रूफ है। डैम पर गोली चलाने पर यह नहीं फटेगा। आधे घंटे में डैम में हवा भर दी जाती है। पानी भरने के बाद रबर डैम में हवा भर दी जाएगी। जब पानी खत्म हो जाएगा तो चिलुआताल से पानी लेने के लिए हवा निकाल दी जाएगी।
एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने कहा कि रोहिन नदी में अभी जलस्तर ऊंचा है इसलिए रबर डैम में हवा भरने की कोई जरूरत नहीं है। जैसे जलस्तर नीचे आएगा हवा भरकर पानी इकट्ठा कर लिया जाएगा।
तेजी से चल रहा है काम
खाद कारखाना में काम तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खाद कारखाना का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए तिथि अभी तय नहीं है लेकिन अफसरों का कहना है कि अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में लोकार्पण के संकेत मिल रहे हैं।