पीएम नरेंद्र मोदी दिसंबर में कर सकते हैं एम्स व गोरखपुर खाद कारखाना का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में एम्स व खाद कारखाना का उद्घाटन कर सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने खाद कारखाना व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निरीक्षण क‍िया। न‍िरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्‍होंने यह जानकारी दी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:57 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:57 AM (IST)
पीएम नरेंद्र मोदी दिसंबर में कर सकते हैं एम्स व गोरखपुर खाद कारखाना का उद्घाटन
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने खाद कारखाना व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निरीक्षण किया। प्रगति के बारे में उन्होंने जानकारी ली। न‍िरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में एम्स व खाद कारखाना का उद्घाटन कर सकते हैं। इसके लिए उनसे पांच दिसंबर के बाद के समय के लिए बात की जाएगी।

एम्‍स में च‍िक‍ित्‍सकों के साथ की बैठक

सबसे पहले केंद्रीय मंत्री एम्स पहृुंचे। गेस्ट हाउस का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने मेडिकल कालेज के सभागार में एम्स के डाक्टरों, विद्यार्थियों व सीएमओ के साथ बैठक की। उन्होंने जल्द से जल्द एम्स के बचे हुए काम को पूरा करने का निर्देश दिया। कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर ने अब तक की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि अच्छे डाक्टर पैदा किए जाएं, ताकि गोरखपुर का नाम हो। बैठक में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. हरिशंकर जोशी, सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय, डा. शशांक शेखर, डा. गौरव गुप्ता, डा. विकास मिश्रा, डा. अजय भारती, डा. रुचिका अग्रवाल, डा. हीरा भल्ला, डा. अमित रंजन आदि मौजूद रहे।

खाद कारखाना भी गए

इसके बाद वह खाद कारखाना गए। उन्होंने निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के एमडी अरुन कुमार गुप्ता ने बताया कि 99 फीसद कार्य हो चुके हैं। शेष कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

पूरी होगी खाद की कमी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज से चार साल पहले प्रधानमंत्री ने इस देश से खाद का संकट दूर करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में पांच खाद कारखाना का निर्माण शुरू हुआ। सभी बनकर लगभग तैयार हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस देश को सवा तीन लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, पैदा होती है सिर्फ 225 लाख मीट्रिक टन। अब सभी पांच कारखाना शुरू हो जाने से लगभग 13.5 लाख मीट्रक टन यूरिया का उत्पादन हो सकेगा।

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