पीएम नरेंद्र मोदी को जुलाई में करना था गोरखपुर खाद कारखाना का लोकापर्ण, इस कारण टल गया कार्यक्रम
गोरखपुर खाद कारखाना का लोकार्पण पहले इस साल फरवरी महीने में होना था। बाद में चर्चा हुई कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाद कारखाना का लोकार्पण कर सकते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण खाद कारखाना अब दिसंबर के बाद ही तैयार हो पाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की मार एक बार फिर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना पर पड़ी है। खाद कारखाना का जुलाई में प्रस्तावित लोकार्पण अब संभव नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के कारण श्रमिकों और जापान, जर्मनी, इटली आदि देशों से आए इंजीनियरों के वापस चले जाने के कारण निर्माण कार्यों की गति भी धीमी हो गई है। परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो लोकार्पण दिसंबर में हो सकता है।
एचयूआरएल के खाद कारखाना का लोकार्पण पहले इस साल फरवरी महीने में होना था। पिछले साल कोरोना की पहली लहर में लाकडाउन होने के कारण कई दिनों तक काम बंद रहा। इस कारण निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पाए थे। लाकडाउन में छूट दिए जाने के बाद काम शुरू हुआ तो फिर कोरोना की दूसरी लहर में कई श्रमिकों के संक्रमित हो जाने के कारण समस्या खड़ी हो गई।
चार मार्च को आए थे सीएम और केंद्रीय मंत्री
उर्वरक एवं रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल चार मार्च को खाद कारखाना का निरीक्षण किया था। उन्होंने कोरोना संक्रमण के बाद भी काम की अ'छी गति पर अफसरों की तारीफ की थी। अफसरों के साथ हुई बैठक में उर्वरक एवं रसायन मंत्री और मुख्यमंत्री ने जुलाई में लोकार्पण की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। तब चर्चा हुई थी कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाद कारखाना का लोकार्पण कर सकते हैं। वजह यह कि 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री ने खाद कारखाना का शिलान्यास किया था। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से काम प्रभावित हो गया।
3850 मिट्रिक टन प्रतिदिन की होगी क्षमता
खाद कारखाना में रोजाना 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया बनेगी। यूरिया सोना उगले नाम से बेची जाएगी। चिलुआताल से पानी लेने के लिए 28 करोड़ रुपये की लागत से 65 मीटर लंबा और दो मीटर ऊंचा बुलेट प्रूफ रबर का बांध बनाया जा चुका है।
फैक्ट फाइल
शिलान्यास - 22 जुलाई 2016
शिलान्यास किया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
कार्यदायी संस्था - टोयो जापान
कुल बजट - 8000 करोड़
यूरिया प्रकार - नीम कोटेड
प्रीलिंग टावर - 149.5 मीटर ऊंचा
रबर डैम का बजट- 28 करोड़
रोजगार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष - 10 हजार
कोरोना की दूसरी लहर के कारण श्रमिकों की कमी हो गई है। दूसरे देशों से आए इंजीनियर भी वापस चले गए हैं। इसके बाद भी काम जारी है। जल्द से जल्द काम पूरा कर खाद कारखाना का उद्घाटन शुरू कराया जाएगा। - एके गुप्ता, प्रबंध निदेशक, एचयूआरएल।