सप्ताह भीतर दो बार आकर चुनाव अभियान को रफ्तार दे गए पीएम नरेन्‍द्र मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी के सप्ताह भीतर दो बार आने के गहरे निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। भाजपाई इसे पार्टी नेतृत्व की ओर से एक संदेश के रूप में ले रहे हैं तो लोग इ्रन दौरों को भाजपा के चुनावी अभियान से जोड़ रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:58 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:58 AM (IST)
सप्ताह भीतर दो बार आकर चुनाव अभियान को रफ्तार दे गए पीएम नरेन्‍द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंन्‍द्र मोदी एक सप्‍ताह में दो बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव सिर पर है, ऐसे में गोरखपुर क्षेत्र में लगभग एक जैसे कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सप्ताह भीतर दो बार आने के गहरे निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। भाजपाई इसे पार्टी नेतृत्व की ओर से एक संदेश के रूप में ले रहे हैं तो लोग इ्रन दौरों को भाजपा के चुनावी अभियान से जोड़ रहे हैं। भाजपाइयों का विश्वास है कि मोदी जैसी शख्सियत का इतनी-इतनी जल्दी-जल्दी दो बार आने का असर आगामी चुनाव में जरूर दिखाई देगा। इससे पार्टी के चुनावी अभियान को और रफ्तार मिली है। अभियान के प्रति कार्यकर्ताओं का समर्पण भी बढ़ा है।

दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं को मिला गहरा संदेश, बढ़ा समर्पण

दरअसल कार्यक्रमों के नजरिए से देखें तो प्रधानमंत्री को इसके लिए दो बार आने की जरूरत नहीं थी। वह चाहते तो कुशीनगर एयरपोर्ट पर वहां के मेडिकल कालेज के लोकार्पण के साथ प्रदेश के बाकी नौ मेडिकल कालेजों का भी लोकार्पण भी कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। एक ही तरह के कार्यक्रम के लिए वह छह दिन के अंदर दो बार आए।

निश्चित रूप से उनके आने के पीछे का मकसद भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता दोनों को साधना था। उन्हें यह बताना था कि आगामी विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए कितना महत्वपूर्ण है। अगर वह एक ही क्षेत्र में सप्ताह में दो बार आ सकते हैं तो कार्यकर्ताओं को भी चुनाव के लिए प्राण-प्रण से लग जाना होगा। बेहद कम दिनों के अंतर पर दो कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने गोरखपुर और बस्ती मंडल के कार्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर जोश भर दिया और यही उनका मकसद भी था, जिसमें वह पूरी तरह सफल हुए।

टारगेट में थे गोरखपुर और बस्ती मंडल के कार्यकर्ता व लोग

वैसे तो दोनों कार्यक्रमों में केवल संबंधित जिलों के कार्यकर्ताओं को ही मौजूद रहने को कहा गया था लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से गोरखपुर और बस्ती मंडल के सभी कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम से जुड़ने का निर्देश था। ऐसे में जिन कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को सीधे सुना, वह तो उत्साहित हैं ही, वह भी उत्साहित है जो कार्यक्रम से अप्रत्यक्ष जुड़े रहे। कहने का मतलब सीधा है, प्रधानमंत्री अपने इन दो दौरों में गोरखपुर-बस्ती मंडल में भाजपा के चुनावी अभियान को जोर पकड़ा गए। चूंकि प्रधानमंत्री आसपास के जिलों में छह दिन के अंतराल पर दो बार आना लोगों के लिए भी कौतूहल का विषय था, ऐसे में मोदी का अपने दौरे से दो मंडल को जिलों को साधने का अभियान भी सफल माना जा सकता है।

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