पिपराईच और कैंपियरगंज को फिर कायाकल्प अवार्ड
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह उपलब्धि टीम भावना से कार्य करने के कारण ही संभव हो पाई है। उन्होंने पिपराईच सीएचसी के अधीक्षक डॉ. नंदलाल कुशवाहा और कैंपियरंज सीएचसी के अधीक्षक डॉ. भगवान प्रसाद को सम्मानित किया।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड-19 की रोकथाम अभियान के बीच भी स्वास्थ्य सेवाओं संबंधित गुणवत्ता बरकरार रखने के कारण पिपराईच और कैंपियरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को इस साल पुनः कायाकल्प अवार्ड के लिए चुना गया है। सूबे के कुल 822 सीएचसी में से 105 सीएचसी को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। पिपराईच सीएचसी को लगातार चौथी बार, जबकि कैंपियरगंज सीएचसी को दूसरी बार इस सम्मान के लिए चुना गया है।
सीएमओ ने किया सम्मानित
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने पिपराईच सीएचसी के अधीक्षक डॉ. नंदलाल कुशवाहा और कैंपियरंज सीएचसी के अधीक्षक डॉ. भगवान प्रसाद को सम्मानित किया और इस उपलब्धि के लिए जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक की पूरी टीम को सराहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह उपलब्धि टीम भावना से कार्य करने के कारण ही संभव हो पाई है। उन्होंने कायाकल्प कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. नंद कुमार, डिवीजनल कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद पांडेय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान को भी इस सफलता के लिए बधाई दी और सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कैटगेरी में भी अच्छा प्रदर्शन रहेगा। उन्होंने कहा कि कोविड काल के बीच खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मातृ-शिशु और बाल स्वास्थ्य के कार्यक्रमों का बेहतर तरीके से संचालन करवाएं। साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य और किशोर स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुचारु तरीके से संचालित करने पर बल दिया।
350 बिंदुओं पर मूल्यांकन
कायाकल्प के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. नंद कुमार ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड के लिए सात थीमेटिक एरिया पर मूल्यांकन किया जाता है। सीएचसी की श्रेणी में कुल 350 बिंदुओं की चेकलिस्ट होती है जिसके आधार पर स्कोरिंग की जाती है। अवार्ड पाने के लिए न्यूनतम 70 फीसदी अंक पाना अनिवार्य होता है। राज्य स्तरीय टीम इन सभी बिंदुओं के आधार पर सीएचसी का मूल्यांकन करती है।
एक लाख रुपये का इनाम मिलेगा
जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान ने बताया कि पिपराईच और कैंपियरगंज सीएचसी को एक-एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा। इसमें से 75 हजार रुपये सीएचसी के विकास में खर्च किए जाएंगे तो 25 हजार रुपये कर्मचारियों के कल्याणार्थ खर्च किये जाने का नियम है।
इन थीम्स पर हुआ मूल्यांकन
अस्पताल का रखरखाव,
स्वच्छता व साफ-सफाई,
बायोमेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट,
इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेज,
हाईजीन प्रमोशन,
सपोर्ट सर्विसेज,
बियांड बाउंड्री,
पिछले साल मिले सबसे ज्यादा अवार्ड
पिछले साल भी कायाकल्प में गोरखपुर जनपद को सबसे अधिक 10 अवार्ड प्राप्त हुए थे। सीएचसी श्रेणी में कैम्पियरगंज को, पिपराईच को, वहीं पीएचसी कैटेगरी में डेरवां, जंगल कौड़िया, खोराबार व कौड़ीराम जबकि नगरीय स्वास्थ्य केंद्र कैटेगरी में बसंपुर यूपीएचसी, दीवान बाजार यूपीएचसी और गोरखनाथ यूपीएचसी को पुरस्कार मिला था। इस साल अभी पीएचसी श्रेणी के पुरस्कारों की घोषणा होनी बाकी है।