घरौनी प्रमाणपत्र पाकर खिले लोगों के चेहरे
वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये प्रधानमंत्री ने किया स्वामित्व योजना का शुभारंभ
बस्ती, जेएनएन : केंद्र सरकार की योजना स्वामित्व की शुरुआत रविवार को जिले में कर दी गई। इसका शुभारंभ दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से किया। बस्ती सहित उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में यह योजना लागू की गई है।
सदर तहसील के दौलतपुर के प्राइमरी स्कूल परिसर में कंचनपुर गांव के लोगों को सीआरओ नीता यादव ने घरौनी प्रमाणपत्र वितरित किया। दूसरी तरफ तहसील भानपुर के बनटिकरा गांव में विधायक संजय प्रताप जायसवाल, एसडीएम आनंद श्रीनेत तथा तहसीलदार देवकीनंदन त्रिपाठी ने आयोजित एक समारोह में 143 लोगों को घरौनी प्रमाणपत्र सौंपा। तहसील के चार अन्य राजस्व गांव कोपा, बेरोला, असुरैना तथा बढि़या में भी घरौनी वितरित की गई। तहसीलदार केशरीनन्दन तिवारी, सांसद प्रतिनिधि राकेश शर्मा, महेश सिंह, विजय पाण्डेय, नवनीत मिश्र, महबूब आलम, लाखन सिंह, शिव प्रकाश सोनी सहित अन्य मौजूद रहे।
सीआरओ ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी क्षेत्र का सीमांकन करना है। इसके पूरा होने पर अविभाजित ग्रामीण आबादी का सही-सही अभिलेख तैयार होगा। पंचायती राज और राजस्व विभाग ने सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से ड्रोन सर्वे तकनीक से गांवों का सीमांकन कर यह घरौनी तैयार की है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का कोई वैधानिक पत्र नहीं होता था। घरौनी तैयार होने से लोगों को अपनी संपत्ति की सही जानकारी होगी तथा आपसी झगड़ों में कमी आएगी। स्वामित्व प्रमाणपत्र के आधार पर लोग अपने मकानों पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही संपत्ति कर का भी सही निर्धारण हो सकेगा। इससे पंचायतें सशक्त होंगी और सुनियोजित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उप जिलाधिकारी आसाराम वर्मा ने कहा कि घरौनी खतौनी की भांति मकान का वैधानिक दस्तावेज है। तहसीलदार पवन जायसवाल ने बताया कि तहसील बस्ती के पांच राजस्व ग्राम दौलतपुर, सेखुई, शाहपुर, कंचनपुर एवं खरहरा में कुल 346 घरौनी तैयार हुई है जिसमें से 225 का वितरण कर दिया गया है। विधायक प्रतिनिधि राजकुमार शुक्ला, राजस्व कर्मी एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहे। गांव में भी मकानों पर मिल सकेगा ऋण
खतौनी की तरह से घरौनी का प्रमाणपत्र पाते ही ग्रामीणों के चेहरे खिल गए। रामशब्द, जगमोहन, रामपियारे, राम शंकर, पंचराम, रामकृपाल, राजकुमारी, राममूर्ति ने कहा हम लोगों ने कभी ऐसी कल्पना नहीं की थी। गांवों में मिल बैठककर जो तय कर लेते थे उसी को सही मानते थे। घरौनी से न केवल आपसी विवादों में कमी आएगी। शहर की तरह से गांव के मकान पर भी ऋण मिल सकेगा। विवादों में आएगी कमी : विधायक विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा कि स्वामित्व योजना लोगों के लिए वरदान साबित होगी। जिस तरह खतौनी प्रस्तुत करने पर बैंकों से केसीसी तहत ऋण मिलता है। उसी तरह घरौनी से भी ऋण की प्राप्ति हो सकेगी। कहा कि प्रधानमंत्री की इस महत्वपूर्ण योजना से भविष्य में स्वामित्व को लेकर होने वाले विवादों में भी कमी आएगी। क्या है स्वामित्व योजना
केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की ओर से शुरू की गई यह योजना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर गत 24 अप्रैल, 2020 को इसकी घोषणा की थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रेकार्ड आफ राइट्स देने के लिए संपत्ति कार्ड (घरौनी ) का वितरण किया जाना है। इसमें ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया गया है जिससे जमीन के कानूनी झगड़े कम हो जाएंगे।