कानपुर व लखनऊ की घटना के बाद भी गोरखपुर में फैक्ट्री के अंदर सिलेंडर लेकर पहुंच रही जनता Gorakhpur News
अस्पताल कर्मी तथा आम लोग सिलेंडर लेने के लिए प्लांटों पर जा रहे हैं लेकिन वहां पर उनकी सुरक्षा खतरे में है। अगल-बगल के जिलों देवरिया बस्ती महराजगंज और कुशीनगर तक से लोग आक्सीजन लेने के लिए आ रहे हैं। इससे भारी भीड़ हो जा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी में आक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ गई है। उत्पादन अधिक होने से प्रदेश में कुछ स्थानों से प्लांट के अंदर हादसे होने की खबरें भी आ रही हैं। गीडा में स्थित फैक्ट्रियों पर आक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए लोग प्लांट के फिलिंग प्वाइंट तक पहुंच जा रहे हैं, जिससे सुरक्षा खतरे में आ गई है। सिलेंडर रिफिल कराने आने वाले लोगों को व्यवस्थित तरीके से प्लांट के अंदर ले जाने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था अबतक नहीं हो पाई है। फिलिंग प्वाइंट तक लोगों के जाने से उनकी जान को तो खतरा है ही, प्लांट के कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है।
रात में ही कई जिलों से आ रहे जरूरतमंद
कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों तथा होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को आक्सीजन थेरेपी देने के लिए आक्सीजन सिलेंडर की मांग भी काफी बढ़ गई है। गीडा में इस समय तीन प्लांटों का संचालन करके जरुरतमंदों को आक्सीजन मुहैया कराया जा रहा है। अस्पताल कर्मी तथा आम लोग सिलेंडर लेने के लिए प्लांटों पर जा रहे हैं लेकिन वहां पर उनकी सुरक्षा खतरे में है। अगल-बगल के जिलों देवरिया, बस्ती, महराजगंज और कुशीनगर तक से लोग आक्सीजन लेने के लिए आ रहे हैं। इससे भारी भीड़ हो जा रही है।
एडीएम ने कहा-सुरक्षा का पूरा प्रबंध
सेक्टर 13 मोदी केमिकल्स व 15 स्थित आरके आक्सीजन प्लांट में सिलेंडर भरवाने के लिए प्वाइंट तक लोग पहुंच जा रहे हैं। हालांकि आग बुझाने के लिए व्यवस्था की गई है लेकिन दुर्घटना होने पर बचा पाना मुश्किल हो जाएगा। पिछले दिनों कानपुर व लखनऊ के चिनहट में स्थित आक्सीजन फैक्ट्री में विस्फोट के बाद कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। एसडीएम सुरेश कुमार राय ने कहा कि सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। कुछ लोग विवाद करके प्वाइंट तक जाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनको भी रोका जा रहा है।